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होर्डिंग की पहचान के लिए उसमें क्यूआर कोड लगाने के सुझाव पर हो विचार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अवैध होर्डिंग पर शिंकजा कसने के लिए भविष्य में हर होर्डिंग पर क्यूआर कोड अनिवार्य करने से जुड़े सुझाव पर राज्य सरकार को विचार करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अवैध होर्डिंग व बैनर लगातार जारी रहनेवाली समस्या है बताया और इस मुद्दे पर राज्य सरकार को हलफनामा दायर कनरे का निर्देश दिया। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील मनोज शिरसाट ने हर होर्डिंग में क्यूआर कोड लगाने को लेकर सुझाव दिया। जिससे होर्डिंग से जुड़ी अनुमति का सारा विवारण आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि तीन व चार अगस्त 2022 को अवैध होर्डिंग,बैनर व पोस्टर के खिलाफ चलाए गए अभियान के खिलाफ 27 हजार 206 अनधिकृत होर्डिंग हटाई गई है। इस दौरान इस तरह की होर्डिंग लगानेवाले लोगों से सात करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुर्माने के रुप में वसूल किए गए है। मुंबई में 3 अगस्त से 13 अगस्त के बीच 1623 होर्डिंग हटाए गए है। अब तक इस मामले को लेकर 168 एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि गणपति के बाद भी होर्डिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा।पिछले दिनों होर्डिंग को लेकर राज्य स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसमें मुख्य रुप से होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी व पुलिसकर्मयों से बात की गई है।
उन्होंने कहा कि होर्डिंग से जुड़ा मुद्दा एक कार्रवाई से खत्म नहीं होगा इसके लिए लगातार निगरानी व कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को भी जागरुक किया जा रहा है। इस संबंध में सभी महानगरपालिकाओं के लिए नियमावली तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि जैसे ट्रैफिक से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए वाहनचालक से जुर्माना लिया है ठीक उसी तरह अवैध होर्डिंग के मामले में कार्रवाई के लिए डिफेसमेंट कानून में जरुरी संसोधन करने की भी तैयारी चल रही है।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि अवैध होर्डिंग के खिलाफ कारर्वाई तो ठीक है पर पूरी तरह से इसकी रोकथाम कैसे की जाएगी। प्रसंगवश अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने खंडपीठ को बताया कि अतीत में हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया था कि जिसके अंतर्गत होर्डिंग जिनकी तस्वीर लगी है उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की बात कही गई थी। इससे आसानी से होर्डिंग लगानेवाले का पता लगाया जा सकेगा। खंडपीठ ने अब 13 अक्टूबर को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   12 Sept 2022 8:51 PM IST