अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए हमें तोड़नी होगी गुलामी की मानसिकता: त्रिवेदी

To save our cultural heritage, we have to break the mentality of slavery: Trivedi
अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए हमें तोड़नी होगी गुलामी की मानसिकता: त्रिवेदी
जबलपुर अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए हमें तोड़नी होगी गुलामी की मानसिकता: त्रिवेदी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आजादी का अमृत महोत्सव का यह समापन नहीं है, अपितु अमृतकाल की शुरुआत है और इस अमृतकाल में हमें आगे बढ़ना है तो अपने अंदर की गुलामी की मानसिकता को निकालते हुए सांस्कृतिक विरासत को बचाने का कार्य करना होगा। यह बात राष्ट्रीय चिंतक, विचारक एवं भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पाटन रोड स्थित एक निजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। प्रबुद्धजनों एवं युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक सक्षम, समर्थ, शक्तिशाली और समृद्ध भारत का सपना जो हमने देखा है, उसे पूरा होते हम देख रहे हैं और इसका प्रमाण है कि पूरी दुनिया में तेजी के साथ हमारा देश विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।

विरासत को बचाने हो रहा काम

पूरे देश की आस्था और श्रद्धा का केंद्र श्रीराम जी के मंदिर का निर्माण अगले वर्ष पूरा हो जाएगा, साथ ही काशी में बाबा विश्वनाथ का कॉरिडोर हो, उज्जैन में महाकाल लोक हो या बाबा केदारनाथ के साथ ही चारों धाम की यात्रा के मार्ग को सुगम बनाए जाने का कार्य हो, ये सब अपनी विरासत को बचाने का ही कार्य हो रहा है। कार्यक्रम को लोकसभा के मुख्य सचेतक सांसद राकेश सिंह, विधायक अजय विश्नोई ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश मंत्री आशीष दुबे, प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, विधायक सुशील तिवारी इंदु, नंदनी मरावी,  रानू तिवारी, रिकुंज विज, कमलेश अग्रवाल, आचार्य जोगेंद्र सिंह समेत बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

यह जाबालि ऋषि की तपोभूमि और वीरांगना रानी दुर्गावती की शौर्य भूमि है। यहाँ प्रबुद्धजन और युवा पीढ़ी के लोग बैठे हैं। आप स्वयं अनुभव कर रहे होंगे कि आज हमारा देश दुनिया में किस तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया जब आर्थिक मंदी और महँगाई से डरी जा रही है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था का सही दिशा में चलना और आगे बढ़ना हमारे नेतृत्व के निर्णयों को बताता है और उन्हीं निर्णयों से आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गए हैं। श्री त्रिवेदी ने कहा कि पं. दीनदयाल जी ने जिस अंत्योदय का विचार दिया था, उस पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर को उठाने का कार्य हो रहा है।  वहीं देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा जाल खड़ा किया गया और आज हम रक्षा के क्षेत्र में उत्पादन कर रहे हैं। 

Created On :   7 Jan 2023 10:24 AM GMT

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