राजनीतिक हिंसा मामले में पश्चिम बंगाल और केरल सबसे आगे : बोस 

Today West Bengal and Kerala is top in political violence : Bose
राजनीतिक हिंसा मामले में पश्चिम बंगाल और केरल सबसे आगे : बोस 
राजनीतिक हिंसा मामले में पश्चिम बंगाल और केरल सबसे आगे : बोस 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के कई हिस्सों में अन्य तरह के अपराध अधिक हैं, पर राजनीतिक हिंसा कम है, लेकिन पश्चिम बंगाल और केरल राजनीतिक हिंसा में आज शीर्ष पर हैं। वहां सरकार तीन बिंदुओं पर काम कर रही है-लोगों के काम करना, काम न होने पर वोट नहीं दोगे तो धमकी देना और अंतिम उसे मार देना। यह बात दैनिक भास्कर कार्यालय में चर्चा के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पौत्र व नवनिर्माण भारत संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रकुमार बोस ने शनिवार को कही। उनके साथ नवनिर्माण भारत संगठन के राष्ठ्रीय अध्यक्ष राजाबाबू ओझा उपस्थित थे। वह केन्द्र सरकार की 134 योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

कोई भी हो, उसे पार्टी के नियमों के हिसाब से चलना होगा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वामपंथी के साथ लंबा संघर्ष रहा है। अब हमारी लड़ाई वामपंथ से नहीं, बल्कि पार्टी को ममता के साथ है। उन्होंने कहा कि यदि शर्मिष्ठा भारतीय जनता पार्टी में शामिल होती हैं तो उनका स्वागत है। पार्टी में कोई भी शामिल हो सकता है, लेकिन उसे पार्टी के नियमों के हिसाब से काम करना होगा। शर्मिष्ठा मुखर्जी को भाजपा की ओर से मालदा सीट ऑफर करने की जानकारी मुझे नहीं है, मेरे हिसाब से यह अफवाह है।

दो प्रधानमंत्री के कारण बंटा देश

उन्होंने बताया कि देश 1944 में ही स्वतंत्र होने वाला था, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के कारण नहीं हो सका। बाद में आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में आजादी मिल जाती, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा होने नहीं दिया। अपने हित के लिए कुछ लोगों ने देश का बंटवारा कर दिया।

उद्बोधन आज : नवनिर्माण भारत के तत्वावधान में रविवार 24 फरवरी को शंकर नगर चौक स्थित उत्तर अंबाझरी रोड पर इंडियन वॉटर वर्क्स एसोसिएशन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें मुख्य अतिथि नवनिर्माण भारत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रकुमार बोस होंगे। 

नेताजी के नाम पर गुमराह किया गया

नेताजी के नाम पर कांग्रेस ने देश को गुमराह किया है। फैजाबाद में सालों तक जो बाबा पर्दे के पीछे रहा और 1985 में जिस व्यक्ति की मृत्यु हो गई, वह सुभाष चंद्र बोस थे, ऐसा हमेशा ही कहानी बनाकर हमें बताया गया है। उस बाबा से मिलने के लिए देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सहित अन्य बड़े-बड़े नेता गए तो इंटेलिजेंस ब्यूराे की रिपोर्ट को उजागर क्यों नहीं किया जा रहा है कि वह नेताजी ही थे या कोई और था। 1972 में प्रधानमंत्री इंिदरा गांधी के समय 4 फाइलों को जला िदया गया, यह अधिकार कांग्रेस को किसने दिया।

 

Created On :   24 Feb 2019 11:08 AM GMT

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