वन क्षेत्र में घर बना सकेंगे पारंपरिक निवासी, राज्यपाल ने दी संशोधन को मंजूरी 

Traditional residents will be able to build houses in forest area
वन क्षेत्र में घर बना सकेंगे पारंपरिक निवासी, राज्यपाल ने दी संशोधन को मंजूरी 
वन क्षेत्र में घर बना सकेंगे पारंपरिक निवासी, राज्यपाल ने दी संशोधन को मंजूरी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी परिवारों को उनके आवास के पास के वनक्षेत्र में घर बनाने के लिए अब जमीन उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने वनाधिकार अधिनियम 2006 में  संशोधन किया है। राज्यपाल ने संविधान की पांचवीं अनुसूची के परिच्छेद 5, उपपरिच्छेद 1 अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल कर जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में अधिसूचना जारी की है। इससे आदिवासियों को अब घर बनाने के लिए पास के वन क्षेत्र में ही जमीन उपलब्ध हो सकेगी। 

इस अधिसूचना से अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से रहने वाले वननिवासी और अनुसूचित जनजाति के लोगों को राहत मिलगी। इससे उनके मूल गांव से पलायन कम होने की अपेक्षा है। दरअसल राज्यपाल ने राज्य के आदिवासी बहुल पालघर, नंदूरबार और गडचिरोली समेत अन्य जिलों का दौरा किया था। उस वक्त उनके संज्ञान में यह बात आई थी कि परिवार बढ़ने के कारण रहने के लिए जगह उपलब्ध नहीं होने से कुछ अनुसूचित जनजाति और वननिवासी अन्य जगहों पर पलायन कर रहे हैं। इसके मद्देनजर राज्यपाल ने सभी संबंधित लोगों से चर्चा करके अधिसूचना जारी करने का फैसला किया है। 

 

Created On :   29 Sept 2020 5:35 PM IST

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