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एक सप्ताह में इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ेंगी ट्रेनें, सीआरएस ने दी हरी झंडी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पिपरिया से जबलपुर के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन की जांच किये जाने के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी एके जैन ने हरी झण्डी दे दी है। एक सप्ताह में सीआरएस की एनओसी मिलते ही जबलपुर से इटारसी की ओर जाने वाली ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ाया जाएगा। वहीं विद्युतीकरण परियोजना की बेहतर कार्यप्रणाली के चलते रेलवे बोर्ड ने पमरे को पौने दो लाख रुपये का पुरस्कार देने घोषणा की है। इटारसी से जबलपुर के बीच 245 किमी रेल खण्ड में विद्युतीकरण परियोजना का काम पूरा हो गया है। इलेक्ट्रिफिकेशन के इस प्रोजेक्ट को इटारसी से छिवकी के बीच 653 किमी क्षेत्र में 861 करोड़ की लागत में पूरा किया जाएगा। छह चरणों की इस परियोजना के दो चरण पूरे हो गए हैं। पहले इटारसी से पिपरिया फिर दूसरे चरण में पिपरिया से जबलपुर के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है। इटारसी से जबलपुर के बीच दो दिन से की गई जांच-पड़ताल में सब कुछ सही पाए जाने पर सीआरएस ने इलेक्ट्रिफिकेशन को हरी झण्डी दे दी। वहीं इलेक्ट्रिफिकेशन को सीआरएस से क्लीन चिट मिलते ही रेलवे बोर्ड के मेम्बर ट्रेक्शन घनश्याम सिंह ने समय पर पूरी गुणवत्ता के साथ काम करने पर पमरे को एक लाख और आरई विभाग को 75 हजार रुपये का पुरस्कार देने घोषणा कर दी। बताया जाता है कि एक सप्ताह के अंतराल में सीआरएस की एनओसी आते ही जबलपुर से इटारसी की ओर जाने वाली ट्रेनों को एक फरवरी से इलेक्ट्रिक इंजन के साथ चलाया जाएगा।
अप्रैल तक कटनी होगा पूरा- परियोजना में दूसरे चरण का काम पूरा होते ही पमरे सहित आरई विभाग के विद्युत इंजीनियरों ने अप्रैल में कटनी तक काम पूरा करने की अपनी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है।
छह फेज की है परियोजना7 इटारसी-पिपरिया 67 किमी, पिपरिया-जबलपुर 178 किमी पूरा होते ही अब जबलपुर-कटनी 91 किमी, कटनी-सतना 98 किमी, मझगवां-सतना-रीवा 84 किमी और उसके बाद आखरी फेज में मझगवां-मानिकपुर 37 किमी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा किया जाएगा।
इन ट्रेनों से होगी शुरूआत- जबलपुर से इटारसी की ओर जाने वाली गरीबरथ, ओवर नाइट, सोमनाथ, अमरावती, इंटरसिटी, जनशताब्दी, पुणे स्पेशल एवं यशवंतपुर स्पेशल ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जाएगा। अप्रैल में कटनी तक काम पूरा होते ही दूसरी अन्य ट्रेनें भी इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जाएंगी।
ट्टइलेक्ट्रिफिकेशन काम को सीआरएस ने अपनी जांच में ओके कर दिया है। एक सप्ताह के अंतराल में सीआरएस की एनओसी मिलने की पूरी संभावना है। इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों को चलाया जा सकेगा।
-श्रीमती गुंजन गुप्ता
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पमरे
Created On :   20 Jan 2018 1:24 PM IST