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साल भर में ही दम तोड़ रहे ट्रांसफार्मर एक साल में आँकड़ा 9 हजार के पार
गारंटी पीरियड में बिगडऩे के दौरान सुधरवाने में भी खेल, निजी कंपनियों के भरोसे हो रही रिपेयरिंग पर उठ रहे सवाल
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बिजली कंपनी ने जिस तरह से साल भर में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर लगाने का पैमाना तय किया है, उसी तरह से यह भी तय है कि साल भर में किस दर से ट्रांसफार्मर खराब हो सकते हैं। इस स्वीकृत दर के अनुसार 5 सौ ट्रांसफार्मर वाले क्षेत्र से साल भर में 2 से 3 प्रतिशत ट्रांसफार्मर बिगड़ सकते हैं, मगर देखने में यह आ रहा है कि चाहे शहरी क्षेत्र हो या फिर ग्रामीण यहाँ से एरिया स्टोर्स पहुँच रहे ट्रांसफार्मरों की संख्या स्वीकृति से दो से तीन गुना है। इनमें 25 केवी क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। जानकारों की मानें तो चार-पाँच साल पहले जबलपुर रीजन में सर्वाधिक मात्रा में पंपों में उपयोग के लिए 16 केवी के ट्रांसफार्मरों का उपयोग होता था। इनमें कॉपर वायर का इस्तेमाल होने से इनकी आयु अधिक होती थी। मगर अब इनकी जगह 25 केवी के ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं जिसमें एल्युमिनियम के तार होने से यह लंबे समय तक कार्य नहीं कर पाते हैं इसलिए इनके फेल होने की संख्या बढ़ती जा रही है।
सभी ट्रांसफार्मरों के खराब होने की दर तय - चाहे सिंचाई पंप हो या फिर घरेलू कनेक्शन हो हर जगह 25 केवी के ट्रांसफार्मर का उपयोग होता है। हालाँकि हर ट्रांसफार्मर के खराब होने की अलग-अलग दर स्वीकृत है जैसे 25 केवी के ट्रांसफार्मर के लिए 2 से 3 प्रतिशत, 63 केवी के लिए 6 प्रतिशत और 200 केवी के लिए 8 प्रतिशत तक तय की गई हैं।
फेल होने के पीछे कमीशन का खेल - कम समय में ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल होने के पीछे भी बड़ा खेल यह बताया जाता है कि ट्रांसफार्मर सुधारने के लिए निजी कंपनियों को दिया जाता है और इसके पीछे कमीशनबाजी का बड़ा खेल होने के कारण फील्ड अधिकारी भी गारंटी पीरियड वाले ट्रांसफार्मरों को भी खराब होने पर निर्धारित रेट पर सुधरवाने भेजे देते हैं। शहर में करीब एक दर्जन ऐसी फर्म हैं जिन्हें ट्रांसफार्मर सुधारने का काम दिया जाता है।
Created On :   24 Feb 2021 5:18 PM IST