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विकास के लिए काट रहे पेड़, आर्थिक तंगी के चलते नहीं हो रही गणना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की पहचान हराभरा शहर के रूप में रही है। पेड़ों के संवर्धन में लापरवाही के चलते यह पहचान मिटने की कगार पर है। विकास कार्य के लिए पेड़ों को काटने का सिलसिला जारी है। नए पौधे लगाकर अपेक्षित भरपाई नहीं की गई है। नतीजा शहर के अनेक हिस्सों में पेड़ों की संख्या तेजी से घट रही है। 2010 में हुई गणना के अनुसार मनपा के उद्यान विभाग के पास उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि शहर में 21 लाख 43 हजार 838 पेड़ हैं, इसमें से 70 प्रतिशत पेड़ पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम नागपुर में है। शहर का पश्चिम हिस्सा लक्ष्मीनगर, धरमपेठ, मंगलवारी जाेन में सर्वाधिक 14 लाख 88 हजार 619 पेड़ रहने से हराभरा है, जबकि मध्य नागपुर में पेड़ों की संख्या सबसे कम है। जानकार बताते हैं कि मनपा की आर्थिक तंगी के चलते 2010 के बाद अभी तक पेड़ों की गणना नहीं की गई।
वर्ष 2010 में हुई थी गणना
शहर में पेड़ों की गणना वर्ष 2010 में हुई थी। वार्ड वाइज पेड़ों की गणना में लक्ष्मी नगर जोन अंतर्गत सोनेगांव विमानतल परिसर में सबसे अधिक 2 लाख 17 हजार 90 पेड़ रिकार्ड में दर्ज हैं। शिवनगांव परिसर में 1 लाख 12 हजार 329, नीरी परिसर में 20 हजार 676 पेड़ पाए गए थे। धरमपेठ जोन अंतर्गत अंबाझरी परिसर में 1 लाख 21 हजार 646, तेलंगखेड़ी परिसर में 61,474, वीएनआईटी परिसर में 35,082 पेड़ चिह्नित किए गए। हनुमान नगर जोन अंतर्गत जानकी नगर में 18,780, मानेवाड़ा परिसर में 18,780, ज्ञानेश्वर नगर में 11,739 पेड़ िरकार्ड किए गए। धंतोली जोन अंतर्गत मेडिकल परिसर में 23,669, जेल वार्ड में 13,825, जोगी नगर में 12,648 पेड़ थे। नेहरू नगर जोन अंतर्गत दिघोरी में 19,082, रमणा मारोती परिसर में 7314, सक्करदरा में 6517 पेड़ों की संख्या है। गांधीबाग जोन अंतर्गत बजेरिया में 7236, जून मंगलवारी में 5393, महात्मा गांधी वार्ड में 4676, सतरंजीपुरा जोन अंतर्गत कावरापेठ में 8528, शांतिनगर 5076, मेहंदीबाग में 4835 पेड़ बताए गए हैं। लकड़गंज जोन अंतर्गत वाठोड़ा में 45 हजार 963, पारडी परिसर में 17 हजार 683, पुनापुर में 16 हजार 139, आशीनगर जोन अंतर्गत नारा परिसर में 33,369, नारी परिसर में 11,593, नालंदा नगर में 8,517, मंगलवारी जोन अंतर्गत गोरेवाड़ा में 1 लाख 92 हजार 705, खलाशी लाइन परिसर में 1 लाख 17 हजार 331, छावनी परिसर में 30,932 पेड़ िरकार्ड में दर्ज हैं।
150 प्रजाति के पेड़
मनपा के उद्यान विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि शहर में 150 प्रजाति के पेड़ हैं। इसमें बबूल, आम, सुबबूल, नीम, बेर, अशोका, गुलमोहर, सीताफल, कैसिआ, सागौन, अमरूद, सिरस, चिचबिलाई, नींबू, कड़पत्ता, करंज, पलास, काटसावर, हीवर, पीपल, गुल्लर आदि प्रजातियों का समावेश है।
बबूल सर्वाधिक, गुल्लर सबसे कम
शहर में विविध प्रजाति के पेड़ हैं। इसमें बबूल के पेड़ों की संख्या सर्वाधिक 3 लाख 28 हजार 154 है। दूसरे नंबर पर सुबबूल 1 लाख 91 हजार 701 पेड़ हैं। सबसे कम गुल्लर के 25462 पेड़ हैं।
जोन वाइज पेड़
लक्ष्मीनगर 6,08,634
धरमपेठ 4,21,776
हनुमान नगर 1,12,130
धंतोली 1,10, 255
नेहरू नगर 64,511
गांधीबाग 30,966
सतरंजीपुरा 40,304
लकड़गंज 45,963
आशी नगर 1,07,955
मंगलवारी 4,58,209
कुल 21,43,838
प्रजातिवार पेड़ों की संख्या
बबूल 3 लाख 18 हजार 154, सुबबूल 1 लाख 91 हजार 701, बेर 1 लाख 48 हजार 350, नीम 1 लाख, 37 हजार 44, अशोका 98,263, गुलमोहर 88,632, सीताफल 81,941, कैसीआ 77,345, सागौन 70,277, अमरूद 69,239, सिरस 64,090, चिचबिलाई 48,520, नीम 45,611, कड़ीपत्ता 43,722, करंज 34,366, पलास 30,225, काटसावर 28,941 और गुल्लर के 25,462 पेड़ हैं।
खटाई में पेड़ों की गणना
नियम के अनुसार हर पांच वर्ष में पेड़ों की गुणना अपेक्षित है। वर्ष 2010 के बाद गणना नहीं हुई। इस वर्ष गणना का प्रस्ताव तैयार िकया गया है। गणना पर लगभग पांच करोड़ खर्च अपेक्षित है। सूत्रों के अनुसार मनपा पर आर्थिक संकट छाया होने के कारण पेड़ों की गणना खटाई में पड़ी हुई है।
Created On :   4 Oct 2019 4:14 PM IST