शरद पवार बोले - निकाय चुनाव में कांग्रेस-शिवसेना से गठबंधन को लेकर एनपीसी में दो राय

Two opinions in NPC regarding alliance with Congress-Shiv Sena in civic elections - Pawar
शरद पवार बोले - निकाय चुनाव में कांग्रेस-शिवसेना से गठबंधन को लेकर एनपीसी में दो राय
असमंजस शरद पवार बोले - निकाय चुनाव में कांग्रेस-शिवसेना से गठबंधन को लेकर एनपीसी में दो राय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि आगामी स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए कांग्रेस और शिवसेना के साथ गठबंधन करने को लेकर राकांपा के भीतर दो राय है। इसलिए स्थानीय निकायों के चुनावों में गठबंधन के बारे में राकांपा ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। मंगलवार को कोल्हापुर में पवार ने कहा कि राकांपा के कई नेताओं को मानना है कि राकांपा स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़े। फिर चुनाव के बाद स्थानीय निकायों में सत्ता स्थापित करने के लिए कांग्रेस और शिवसेना के साथ गठबंधन किया जाए। जबकि कई नेताओं का कहना है कि महाविकास आघाड़ी के तीनों दल मिलकर राज्य की सरकार चला रहे हैं। इसलिए यदि तीनों दल गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे तो सरकार के लिए भी अच्छा होगा। पवार ने कहा कि मैं अभी तीनों दलों के साथ चुनाव लड़ने के संबंध में कोई भी टिप्पणी नहीं करूंगा। क्योंकि मुझे कांग्रेस और शिवसेना की भूमिका के बारे में पता नहीं है। आगामी समय में तीनों दलों की एक साथ बैठक होगी। जिसमें गठबंधन के बारे में चर्चा के बाद कोई अंतिम फैसला हो सकेगा। पवार ने कहा कि स्थानीय निकायों के चुनावों में राकांपा ओबीसी सीटों पर ओबीसी समाज के उम्मीदवारों को ही उतारेगी। पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए केवल प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेश दिया है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने में लगभग से तीन महीने का समय लगेगा। 

कहा नहीं जा सकता मोदी के खिलाफ चेहरा कब तक दिया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष की ओर से चेहरा देने के सवाल पर पवार ने कहा कि विरोधी दलों के बीच ही मतभेद है। इसलिए यह कहा नहीं जा सकता है कि मोदी के विरोध में विपक्ष का चेहरे देने में कितना समय लगेगा। पवार ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में राकांपा ने टीएमसी के साथ गठबंधन किया था। जबकि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच गठजोड़ था। यदि भाजपा के खिलाफ विपक्ष के सभी दल एक साथ चुनाव लड़े होते तो पश्चिम बंगाल की स्थिति कुछ और नजर आती। इसी तरह की स्थिति केरल समेत दूसरे राज्यों में भी है। इसलिए पहले विपक्षी दलों को आपसी मतभेद को दूर करना पड़ेगा। पवार ने कहा कि विपक्ष की ओर से चेहरा देने के बारे में हर दल को पहले अपनी पार्टी के भीतर निर्णय लेना पड़ेगा। मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर के बाद किसी नतीजे पर पहुंचेगी। 


 

Created On :   10 May 2022 6:28 PM IST

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