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16 घंटे के भीतर 34 टन गैस लेकर पहुँचे दो टैंकर - राज्य सभा सदस्य तन्खा ने तत्काल मदद भेजी
दोनों टैंकर के साथ खुद मेडिकल गए भनोत, कलेक्टर ने एक टैंकर जरूरत के हिसाब से किया रिजर्व, रिछाई भेजा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कहते हैं करने वाले कर दिखाते हैं और ढिंढोरा पीटने वाले पीटते रह जाते हैं। मानवता की मदद के लिए दूरी मायने नहीं रखती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा और विधायक तरुण भनोत ने। दरअसल, एक दिन पहले शनिवार की दोपहर विधायक ने जबलपुर की विकराल स्थिति और खासतौर पर ऑक्सीजन की कमी सांसद विवेक तन्खा को बताई। दिल्ली में मौजूद राज्यसभा सांसद ने तत्काल संपर्क साधा और राउरकेला, उड़ीसा से दो टैंकरों में 34 टन ऑक्सीजन जबलपुर के लिए निकल पड़ी। महज 16 घंटे के भीतर दोनों टैंकर साँसों के लिए छटपटा रहे शहर में मानो संजीवनी लेकर पहुँच गए। खास बात यह है कि ऑक्सीजन निजी मद से मुहैया कराई गई है। टैंकर रविवार की शाम को भनोत हाउस गोरखपुर पहुँचे। विधायक तरुण भनोत टैंकरों के साथ खुद मेडिकल अस्पताल पहुँचे। इस दौरान कांग्रेस नेता जगत बहादुर सिंह अन्नू, गौरव भनोत भी मौजूद रहे। जहाँ एक टैंकर मेडिकल को दिया गया, जबकि दूसरे को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अन्य जरूरत के हिसाब से रिजर्व रखा है, ताकि अचानक शॉर्टेज आने की स्थिति में आपूर्ति की जा सके।
ऐन वक्त पर पहुँची ऑक्सीजन
जिस वक्त ऑक्सीजन का टैंकर पहुँचा उसी दौरान मेडिकल में ऑक्सीजन प्रेशर लो होने की स्थिति बनी। चिकित्सकों को कहना है कि गनीमत रही कि मेडिकल के बाहर टैंकर पहुँच चुका था। तत्काल गैस को मेडिकल में स्टोरेज किया गया, और पूरा टैंकर खाली हो गया। ऐन वक्त पर टैंकर मरीजों के लिए मानों भगवान बनकर आए।
पाँच लाख नकद भी सौंपे
पूर्व वित्तमंत्री तरुण भनोत ने रविवार को ही कलेक्ट्रेट पहुँचकर 5 लाख रुपए कलेक्टर को सौंपे। यह राशि भी व्यक्तिगत मद से दी गई है, जिससे जिले और आसपास के जिलों से आ रहे मरीजों के इलाज में इस राशि का उपयोग किया जा सके। श्री भनोत ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में और राशि रेडक्रॉस को दी जाएगी।
20 घंटे की दूरी, वक्त से पहले तय
जानकारी के अनुसार विधायक और सांसद के बीच फोन पर बात होने के साथ ही ऑक्सीजन के लिए प्रयास शुरू किए गए। जानकारी के अनुसार श्री तन्खा ने अपने मित्र नवीन जिंदल से मदद माँगी। इसके बाद तकरीबन 700 किमी दूर राउरकेला फैक्ट्री से दो टैंकर रवाना किए गए। पता चला है कि सामान्य तौर पर 20 घंटे की दूरी महज 16 घंटे में ही पूरी कर ली गई।
Created On :   19 April 2021 2:37 PM IST