भाजपा से हाथ मिलाने उद्धव ने फडणवीस को अनिल परब के मोबाइल फोन से किया था कॉल 

Uddhav called Fadnavis from Anil Parabs mobile phone to join hands with BJP
भाजपा से हाथ मिलाने उद्धव ने फडणवीस को अनिल परब के मोबाइल फोन से किया था कॉल 
केसरकर का दावा भाजपा से हाथ मिलाने उद्धव ने फडणवीस को अनिल परब के मोबाइल फोन से किया था कॉल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे पर भाजपा के साथ कथित रूप से समझौता करने के प्रयासों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। केसरकर ने दावा किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ने भाजपा के साथ नए गठजोड़ के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को फोन किया था। शुक्रवार को केसरकर ने कहा कि उद्धव ने शिवसेना के बागी विधायकों का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे को किनारे करके भाजपा और शिवसेना की नई सरकार बनाने के लिए शिवसेना के तत्कालीन मंत्री अनिल परब के फोन के जरिए फडणवीस से बातचीत की थी। केसरकर ने कहा कि परब की कॉल डिटेल की जांच करके पता लगाया जा सकता है कि उद्धव ने फडणवीस से बात की थी अथवा नहीं। 

कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन तोड़ने को तैयार नहीं थे केसरकर

केसरकर ने कहा कि उद्धव ने शिंदे को बुलाकर कहा था कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देता हूं और आप मुख्यमंत्री बन जाइए। जिस पर शिंदे के आंखों में आंसू आ गए थे। शिंदे ने उद्धव से कहा था कि आप मुख्यमंत्री पद पर कायम रहिए केवल राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ नई सरकार बनाइए। लेकिन उद्धव इसके लिए तैयार नहीं हुए थे। 

केसरकर ने कहा कि शिवसेना के शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने बयान दिया था कि उद्धव ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की थी। लेकिन भाजपा के 12 विधायकों के निलंबन के कारण बात आगे नहीं बढ़ सकी थी। अब उद्धव को बताना चाहिए कि क्या वे भाजपा के साथ समझौता करके सरकार बनाने के लिए प्रयास कर रहे थे या नहीं।  यदि भाजपा के साथ चर्चा की बातें गलत हैं तो उद्धव स्पष्ट कह दें कि यह सब बातें झूठी हैं। केसरकर ने कहा कि उद्धव को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया था या नहीं। अगर उन्होंने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था तो अब शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उद्धव उनसे नाराज क्यों हैं? उद्धव उस समय भाजपा के साथ नया गठबंधन करने के लिए तैयार थे तो वे अब शिंदे को आशीर्वाद क्यों नहीं दे रहे हैं? 

बालासाहब के पोते के नाते आदित्य का सम्मान, वह हमारा अपमान न करें

केसरकर ने शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे के ‘बागियों में शिवसेना का खून न होने’ वाले बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आदित्य की जितनी उम्र नहीं है उससे अधिक समय बागी विधायकों ने पार्टी के लिए दिया है। आदित्य बालासाहब ठाकरे के पोते हैं। इसलिए हम लोग उनका सम्मान करते हैं। आदित्य को भी बागी विधायकों को गद्दार कहकर अपमान नहीं करना चाहिए। बालासाहब ठाकरे ने ही इन विधायकों में शिवसेना की ऊर्जा प्रदान की थी। 

शिंदे गुट ही असली शिवसेना 

केसरकर ने कहा कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को एक पत्र भी दिया है। आने वाले समय में केंद्रीय निर्वाचन आयोग में यह बात साबित हो जाएगी कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। केसरकर ने कहा कि शिवसेना हमारी है तो उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ भी हमारा होगा। फिर भी हमें शिवसेना का चुनाव चिन्ह मिले अथवा न मिले। हमारे लिए बालासाहब ठाकरे के विचार ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। 

 

Created On :   23 July 2022 2:15 PM IST

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