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सरकार बदलते ही एक हजार करोड़ की योजना पर लगा ताला, धनगर समाज के लिए फडणवीस सरकार ने किए थे मंजूर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से धनगर समाज कल्याण के लिए दिए गए 1 हजार करोड़ सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है। राज्य की महाविकास आघाडी सरकार द्वारा इस योजना पर अमल न करने से 31 मार्च 2020 को यह निधि वित्त विभाग के पास फिर से पहुंच गई है। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में धनगर समाज को आरक्षण का वादा किया था। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बावजूद तकनीकी कारणों के चलते फडणवीस सरकार धनगर आरक्षण तो नहीं दे सकी पर ऐन विधानसभा के मौके पर भाजपा-शिवसेना सरकार द्वारा धनगर समाज के कल्याण के लिए कई योजनाओं का एलान किया था। ये पैसे दिए भी गए पर विधानसभा चुनाव आचार संहिता और बाद में भाजपा की सरकार न बन पाने की वजह से इस योजना पर अमल नहीं हो सका। फडणवीस सरकार ने धनगर समाज की महिलाओं की पंजीकृत सहकारी संस्थाओं के लिए राज्यस्तरिय भेड़ पालन योजना घोषित की थी। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। संबंधित योजना के लिए राज्य में 4 हजार सहकारी संस्थाओं की स्थापना व पंजीकरण किया जाना था। इसके माध्यम से कुल 1 लाख 20 हजार महिलाओं के लिए भेड़ पालन योजना शुरु होनी थी। भाजपा सरकार के दौरान इस योजना को गति मिली थी लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद बदली राजनीतिक परिस्थति में भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा और इस योजना पर भी ताला लग गया।
धनगर समाज के लिए फडणवीस सरकार ने दिए थे एक हजार करोड़
धनगर समाज के नेताओं का कहना है कि राज्य की महा विकास आघाडी सरकार आने के बाद धनगर समाज के कई नेताओं ने इस योजना पर अमल को लेकर कोशिश की, फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल सका है। भाजपा के सोलापुर जिलाध्यक्ष सोपानराव नारनवर ने इस संबंध में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है। नारनवर चाहते हैं कि विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान पूरक मांग के तहत यह धनराधि मंजूर की जाए। फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, धनगर समाज के नेता महादेव जानकर ने "दैनिक भास्कर’ को बताया कि दो माह पहले मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था लेकिन उन्होंने मेरे पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी योजना से इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता पर यह सरकार इस लिए इस योजना पर अमल नहीं कर रही है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसका श्रेय पिछली सरकार को मिल जाएगा। जानकर ने कहा कि आगामी 7 सितंबर से शुरु हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान मैं यह मसला सरकार के सामने रखूंगा।
अध्यक्ष राष्ट्रीय समाज पक्ष महादेव जानकर के मुताबिक इस संबंध में मैंने दो माह पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फडणवीस सरकार ने इस योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपए दिए थे, उसके बाद सत्ता परिवर्तन के चलते एक अच्छी योजना पर अमल नहीं हो पा रहा है।
Created On :   4 Sept 2020 6:14 PM IST