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उद्धव ने कहा - बंद दरवाजे नहीं जनता के बीच की मुलाकात, फडणवीस बोले - सीएम ने भेजा था संदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई कोल्हापुर में आपदा प्रभावितों से मुलाकात के दौरान शाहूपुरी में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि लोगों में उत्सुकता है कि मैंने फडणवीस से क्या बातचीत की? लेकिन मैंने फडणवीस से बंद दरवाजे में मुलाकात नहीं की। मैंने उसने खुलेआम बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने फडणवीस से कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए स्थायी उपाय करना होगा। इसलिए मुंबई में आयोजित होने वाली बैठक में आप को बुलाया जाएगा। कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने फडणवीस से कहा कि मेरे साथ तीन दल है। यदि बाढ़ से निपटने में भाजपा का साथ मिला तो सरकार जो कुछ फैसला लेगी उसको लागू करने से कोई रोक नहीं सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पता चला कि फडणवीस शाहूपुरी में हैं। इसलिए मैंने उनसे मुलाकात के लिए रुकने के लिए कहा था। मुझे नागरिकों की जान से खिलवाड़ नहीं करना है। मुझे आपदा में राजनीति नहीं करनी है। यदि बाढ़ से निपटने के लिए फडणवीस के कुछ अच्छे सुझाव होंगे तो हम उसको स्वीकार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कई सुझाव मिल रहे हैं। लेकिन सरकार इन योजनाओं के आर्थिक भार को सहन कर सकती है अथवा नहीं। इस पहलु पर भी विचार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी नेताओं से अपील है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दौरे के लिए न आए।
मैं पैकेज घोषित करने वाला मुख्यमंत्री नहीं
आपदा प्रभावितों के लिए पैकेज घोषित करने के सवाल पर उद्धव ने कहा कि मैं पैकेज घोषित करने वाला मुख्यमंत्री नहीं बल्कि मदद करने वाला मुख्यमंत्री हूं। मैं केवल लोकप्रियता के लिए मदद राशि की घोषणा नहीं करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को मदद के लिए केंद्र सरकार से भी राशि की मांग की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने संदेश भेजा था, इस लिए हुई हमारी मुलाकातः फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कोल्हापुर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर सफाई दी है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में बाढ़ की परिस्थिति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पुराने घटक दलों को एकत्रित करने का कोई संबंध नहीं है। शुक्रवार को कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे शाहूपुरी में रुकने के लिए संदेश भेजवाया था। इसलिए मैंने उनसे पांच मिनट की मुलाकात की। वहां पर भीड़ होने के कारण अधिक चर्चा करना संभव नहीं था। फडणवीस ने बताया कि इस दौरान मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ से निपटने के लिए दीर्घकालीन योजना की जरूरत है। इस पर मुख्यमंत्री ने मुझ से कहा कि मेरी भी दीर्घकालीन योजना लागू करने में रुचि है। इसको लेकर मुंबई में आयोजित होने वाली बैठक में आप को भी आमंत्रित किया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि कृष्णा-भीमा स्थिरीकरण जैसी योजना के जरिए नहरों के माध्यम से बाढ़ का पानी सूखा प्रभावित मराठवाड़ा और सोलापुर के सूखा ग्रस्त इलाकों में मोड़ना पड़ेगा। इस बारे में भाजपा सरकार ने 3 हजार 500 करोड़ रुपए की परियोजना के प्रारूप को प्राथमिक मंजूरी दी थी। सरकार का इस परियोजना को गति देने का प्रयास करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए आर्थिक राशि देने की घोषणा करें। वे चाहे उसको पैकेज कहें अथवा मदद। सरकार को आर्थिक मदद की घोषणा करनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि आपदा प्रभावितों को 10 हजार रुपए की तत्काल मदद भी नहीं मिल पा रही है। जिन जगहों पर पंचनामा पूरा नहीं हो पाया है वहां पर मोबाइल से खींची गई नुकसान की तस्वीरों को सबूत मानकर मदद देनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि आपदा के बाद अध्ययन के लिए सरकार की तरफ से कई समितियां बनाई जाती हैं लेकिन बाद में समिति की सिफारिशों पर अमल नहीं होता है। यह सरकार में एक खामी है। इसलिए समितियों की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक नोडल विभाग को नियुक्त करना चाहिए। इस बीच एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि रत्नागिरी में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के दौरे के समय सरकारी अधिकारी तहसील कार्यालय में थे लेकिन राणे को मिलने नहीं आए थे। इसलिए राणे अधिकारियों पर नाराज हो गए थे।
Created On :   30 July 2021 7:52 PM IST