उद्धव ठाकरे - अब मैं मैदान में उतर चुका हूं, हिम्मत हो तो मैदान में आ जाओ

Uddhav Thackeray - Now I have entered the field, if you have the courage, then come to the ground
उद्धव ठाकरे - अब मैं मैदान में उतर चुका हूं, हिम्मत हो तो मैदान में आ जाओ
शिंदे-भाजपा को चुनौती उद्धव ठाकरे - अब मैं मैदान में उतर चुका हूं, हिम्मत हो तो मैदान में आ जाओ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना ने कई तुफान झेले हैं, लेकिन अब शरद पवार हमारे साथ हैं, जो तुफान पैदा करते हैं। उद्धव ने शिंदे गुट का नाम लिए बगैर कहा कि आज हमें हर चीज के लिए कोर्ट जाना पड़ रहा है, हिम्मत हो तो मैदान में आ जाओ, हम तैयार हैं। ठाकरे गुरुवार को महानगर के षणमुखानंद सभागार में राकांपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री छगन भुजबल के 75वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।  उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना का जन्म लड़ने के लिए हुआ है। शिवसेना अब धक्का प्रुफ हो चुकी है। हमें रोज कोई न कोई धक्का लगता है पर हम उसका जवाब देते हैं। उद्धव ने शिंदे गुट और भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अब मैं मैदान में उतर चुका हूं। हमें मैदान कैसे न मिले इस पर ध्यान देने की बजाय मैदान में आओ। इस दौरान उद्धव ने कहा कि अजित पवार ने अभी कहा कि चार महिने और सत्ता रहती तो छगन भुजबल मुख्यमंत्री हो गए होते पर मैं कहता हूं कि भुजबल ने यदि शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो वे पहले ही मुख्यमंत्री बन गए होते। उद्धव ने कहा कि भुजबल का शिवसेना छोड़ना हमारे लिए बड़ा झटका था। इससे संभलने में हमें समय लगा। पर भुजबल ने एक अच्छा काम यह किया कि बाला साहेब के रहते सारे मतभेद मिटा दिए। उद्धव ने भुजबल की तारीफ करते हुए कहा कि भुजबल अकेले शिवसेना छोड़ कर गए थे पर महा विकास आघाडी की स्थापना के वक्त वे कांग्रेस-राकांपा को साथ लाए। कार्यक्रम में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दु्ल्ला, सुप्रसिद्ध फिल्न गीतकार जावेद अख्तर, वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात आदि मौजूद थे। इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी आमंत्रित किया गया था पर वे दोनों नेता नहीं आए। इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि राजनीतिक मतभेद भुलाकर यदि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहते और भुजबल के बारे में बोले होते तो महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति में और निखार आता।   

भगवान राम सबके हैः फारुख अब्दुला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि भगवान राम के नाम पर शोर करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत को मजबूत करना है। धर्म आपस मैं बैर करना नहीं सिखाता। मैं मुसलमान हूं पर भारतीय मुसलमान हूं। जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां। 

 

Created On :   13 Oct 2022 9:21 PM IST

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