उद्धव की शिवसेना व वंचित बहुजन आघाडी में गठबंधन तय, ठाकरे-आंबेडकर के बीच हुई बैठक 

Uddhavs alliance between Shiv Sena and Vanchit Bahujan Aghadi fixed, Thackeray-Ambedkar meeting
उद्धव की शिवसेना व वंचित बहुजन आघाडी में गठबंधन तय, ठाकरे-आंबेडकर के बीच हुई बैठक 
बैठक उद्धव की शिवसेना व वंचित बहुजन आघाडी में गठबंधन तय, ठाकरे-आंबेडकर के बीच हुई बैठक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच गठबंधन अब लगभग तय हो गया है। सोमवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने एक होटल में बैठक की। जिसमें दोनों दलों के बीच गठबंधन के रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई। उद्धव ने कहा किदोनों दलों के साथ आने से प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से शिवशक्ति और भीमशक्ति का प्रयोग देखने को मिल सकता है। इससे पहले उद्धव ने आरपीआई के साथ गठबंधन किया था। हालांकि अब आरपीआई अध्यक्ष तथा केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले भाजपा के साथ गठजोड़ में हैं।सोमवार को मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और वंचित बहुजन आघाडी के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर पहले दौर की चर्चा हुई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उद्धव ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर महाविकास आघाडी का हिस्सा बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई में हुई बगावत के बाद शिवसेना को बड़ा झटका लगा है और पार्टी के ज्यादातर विधायक और सांसद उसका साथ छोड़ चुके हैं, इसलिए उद्धव फिर से मजबूती से खड़े होने के लिए नए सहयोगियों की तलाश कर रहे हैं। 

पिछले महीने प्रबोधनकार ठाकरे की पुण्यतिथि पर उद्धव और आंबेडकर एक मंच पर आए थे। इस दौरान दोनों ने साथ आने के संकेत दिए थे। गठबंधन को अंतिम रुप देने के लिए सोमवार को मुंबई के ग्रैड हयात होटल में दोनों पार्टियों के नेताओं ने बैठक कर विचार विमर्श किया। इस दौरान विधायक आदित्य ठाकरे और सांसद विनायक राऊत और मिलिंद नार्वेकर भी मौजूद थे। बैठक के बाद उद्धव ने कहा कि दोनों पार्टियों में सकारात्मक चर्चा हुई है।    

विदर्भ मराठवाडा पर नजर

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जाने वाले विधायकों, सांसदों में से बड़ी संख्या विदर्भ और मराठवाडा के नेताओं की है। इसलिए उद्धव ठाकरे के लिए विदर्भ और मराठवाडा में पार्टी को अपने दम पर ताकतवर बना पाना चुनौतिपूर्ण होगा। इन इलाकों में आंबेडकर समर्थकों की संख्या अच्छी खासी है। उद्धव को उम्मीद है कि वंचित बहुजन आघाडी का साथ मिलने के बाद उनकी पार्टी अपनी खोई जमीन फिर से हासिल कर सकेगी। वहीं राज्य की राजनीति में लंबे समय से अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे प्रकाश आंबेडकर के लिए भी यह गठबंधन नए मौके लाएगा। अगर शिवशक्ति और भीमशक्ति का प्रयोग सफल रहा तो शिवसेना के लिए भी पार्टी को फिर से राजनीतिक ताकत हासिल करने में मदद मिलेगी।  

 

Created On :   5 Dec 2022 9:25 PM IST

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