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बैंक कर्मचारियों को कोरोना योद्धा न मानने से नाराज यूनियन पहुंची हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बावजूद पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्रो के बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर किए जाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई हैं। यह याचिका इंडियन नैशनल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ने दायर की है। याचिका में मुख्य रुप से बैंक में ड्यूटी के दौरान कोरोना के कारण मौत का शिकार होनेवाले पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान से जुड़े भेदभाव को समाप्त करने का मुद्दा उठाया गया है और इस विषय पर केंद्र सरकार व अन्य प्रतिवादियों को इस मुद्दे पर पूरे देश के बैंकिंग क्षेत्र के लिए एकरूप नीति बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार व इंडियन बैंक एसोसिएशन के पास 17 जुलाई व 18 जुलाई को दिए गए प्रतिवेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने की प्रार्थना की गई हैं। याचिका में कहा गया है निवेदन पर निर्णय लेने से जुड़ी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को भी बुलाया जाए।
याचिका के मुताबिक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कोरोना के चलते मौत का शिकार होनेवाले पीड़ित के परिजन के लिए मुआवजे के लिए 20 लाख रुपए रुपए की राशि तय की गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा में यह राशि 50 लाख रुपए हैं। पंजाब नेशनल बैंक में यह राशि कर्मचारी की श्रेणी व वेतनमान के हिसाब से तय की गई हैं। यह पूरी तरह से भेदभाव पूर्ण है। कम से कम जब तक लॉकडाउन पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक के लिए ही नीति बनाई जाए। इसी तरह याचिका में कहा गया है कि बैंक कर्मचारियों के कार्य दिवस को लेकर भी भेदभाव हो रहा है। कुछ राज्यों में बैंक कर्मियों की ड्यूटी पांच दिन की है तो कहीं 6 दिन है।
याचिका के अनुसार बैंक कर्मियों को मूलभूत साधन व उपकरण भी नहीं मिल रहे। जिनका केंद्र सरकार के निर्देशों में उल्लेख है। जो कर्मचारी निजी वाहन से बैंक पहुंचते हैं, उनके खर्च की प्रतिपूर्ति नहीं की जा रही। जबकि बैंककर्मियों को सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने से बचने को कहा गया था। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में अधिवक्ता देवमणि शुक्ला व भावेश परमार व देव प्रकाश यादव पक्ष रखेंगे। फेडरेशन के महासचिव सुभाष सावंत के मुताबिक जब सभी ने हमारे निवेदन पर आंख मूद ली तो हम अदालत आए हैं। हमें उम्मीद है कि अदालत से हमे राहत मिलेगी। सावंत के मुताबिक बैंक कर्मचारी प्रथम पंक्ति के कोरोना योद्धा की तरह काम कर रहे हैं। फिर से भेदभाव हो रहा रहा है।
Created On :   28 Aug 2020 8:07 PM IST