- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- देनी होगी विश्वविद्यालय अंतिम...
देनी होगी विश्वविद्यालय अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झुकी सरकार और विपक्ष हुआ आक्रामक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार का रूख नरम पड़ गया है। महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को अंतिम वर्ष की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं देनी पड़ेंगी। शुक्रवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा उदय सामंत ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदर करते हैं। राज्य सरकार को आदेश का पालन करना पड़ेगा। पत्रकारों से बातचीत में सामंत ने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर शनिवार को विश्वविद्यालयों की कुलपतियों की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें ऑनलाइन परीक्षा, ओपन बुक परीक्षा समेत दूसरी परीक्षा पद्धति अपनाने के बारे में चर्चा होगी। इसके बाद परीक्षाओं का आयोजन किस प्रकार से किया जा सकता है इस बारे में सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। यह समिति दो दिनों में रिपोर्ट देगी। इसके अलावा कोरोना की स्थिति को लेकर जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा और तकनीकी सलाह लेकर जल्द परीक्षा का फार्मूला तैयार किया जाएगा। सामंत ने कहा कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को अगले दो से तीन दिनों में अवगत करा दिया जाएगा कि परीक्षा किस प्रकार ली जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं जब भी होंगी, विद्यार्थियों को परीक्षाओं से पहले पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। सामंत ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एडवोकेट जनरल और विधि व न्याय विभाग की राय जानूंगा। इसके बाद कानूनी रूप से आगे क्या करना है इस पर निर्णय लिया जाएगा। उच्च शिक्षामंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के आदेश के अनुसार 30 सितंबर तक परीक्षाएं लेना अनिवार्य नहीं है। इसलिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अब परीक्षाओं की नई तारीख तय कर सकता है। सामंत ने कहा कि मैं राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में जाकर कुलपतियों और विद्यार्थियों से चर्चा करूंगा। विद्यार्थियों और अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने परीक्षाएं नहीं लेने का फैसला किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षाएं लेने का आदेश दिया है। जिसका हम सभी को पालन करना पड़ेगा। इस दौरान एक सवाल के जवाब में सामंत ने कहा कि राज्य में सीईटी परीक्षा तहसील स्तर पर आयोजित करने के बारे में भी जल्द फैसला लिया जाएगा।
घमंडी युवा मंत्री के कारण सरकार मुंह के बल गिरी- शेलार
परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष आक्रामक हो गया है। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन को लेकर घमंडी युवा मंत्री के कारण सरकार को मुंह के बल गिरना पड़ा है। शेलार का इशारा शिवसेना नेता तथा प्रदेश के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की ओर था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विद्यार्थियों को गुमराह करने वाली सरकार को माफी मांगनी चाहिए। इसके जवाब में सामंत ने कहा कि मुझे इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी है। लेकिन विद्यार्थियों की मानसिकता से खेलने वालों को भविष्य में जवाब मिलेगा। सामंत ने कहा कि शेलार को पार्टी में अपनी अहमियत साबित करनी होगी। इसलिए वे टिप्पणी कर रहे हैं।
केवल युवा सेना की वजह से परीक्षा टाल रही थी सरकारःफडणवीस
वहीं पुणे में विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केवल युवा सेना के आग्रह के कारण महाराष्ट्र सरकार एक तरफा फैसला कर रही थी। यदि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं होती, तो विद्यार्थियों की डिग्री किसी काम की नहीं रहती। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विद्यार्थियों का फायदा होगा। क्योंकि उनकी डिग्री का महत्व रहेगा।
Created On :   28 Aug 2020 6:08 PM IST