बेमौसम बारिश और ओलों से 5 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान

Unseasonal rain and hail damage to crops in 5 thousand hectares
बेमौसम बारिश और ओलों से 5 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान
प्राकृितक आपदा बेमौसम बारिश और ओलों से 5 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान

डिजिटल डेस्क, अकोला. जिले में शुक्रवार 7 अप्रैल को बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से हुई क्षति की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 5 हजार 242.97 हेक्टेयर में गेहूं, प्याज, तरबूज, पपीता, सब्जियों व नींबू की फसल को नुकसान हुआ है। लोनाग्रा में बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई और जिले में वज्रपात से 16  मवेशियों की मौत हो गई। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी मिली है कि 46 घरों को भी नुकसान पहुंचा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बार्शिटाकली तहसील में 199 हेक्टेयर, पातूर तहसील में 3025.97 हेक्टेयर, अकोला तहसील में 725 हेक्टेयर, मुर्तिजापुर तहसील में 52 हेक्टेयर और बालापुर तहसील में 1241 हेक्टेयर मिलाकर कुल 5 हजार 242.97 हेक्टेयर में सब्जी व फल फसलों को हानि हुई है। प्रमुख रूप से कटाई के लिए लगभग तैयार गेहूं की फसल को भारी हानि हुई है जबकि प्याज, तरबूज, पपीता, सब्जियां और नींबू जैसी फसलों को भी नुकसान हुआ है। साथ ही, अकोला तहसील के ग्राम लोणाग्रा में बिजली गिरने से पुंडा पंढरी माने (उम्र 35) की मौत हो गई। बिजली गिरने से अकोला तहसील में  14 छोटे मवेशी, बालापुर तहसील में 2 बडे मवेशी मौत का ग्रास बन गए हैं। बार्शिटाकली तहसील में 3 मकान, पातुर में 12 मकान, अकोला तहसील में 2 घर तथा  मुर्तिजापुर में 26 और बालापुर में दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। मुर्तिजापुर तालुका में एक घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिला प्रशासन के अनुसार क्षतिग्रस्त, प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में अन्य तहसीलों में नुकसान को लेकर फिलहाल रिपोर्ट नकारात्मक है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का पंचनामा और सर्वेक्षण चल रहा है। यह जानकारी जिला प्रशासन की ओर से दी गई है।

शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश व तूफानी हवा के साथ आंधी के कारण सबसे अधिक नुकसान पातूर तहसील में दर्ज किया गया है। जिला प्रशासन के सर्वेक्षण में प्राथमिक रुप से जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार 3025.97 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में गेहूं  तथा प्याज,नींबू व संतरा तथा अन्य सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। आम का बौर इससे पहले हुई बेमौसम बारिश में पहले ही झड चुका था इस बार पके हुए आम भी आम के पेडों से गिरकर जमींदाेज हाे गए। फसलों व सब्जयों समेत फलों को हुए नुकसान के कारण पहले से  संकट में घिरा हुआ किसान अधिक संकट में पड गया है। 

मवेशियों पर गिरी गाज

खेती के लिए अब अधिकांश रूप से मशीनों का इस्तेमाल होता है लेकिन पूरक व्यवसाय के रूप में किसान व शेतीहर मजदूर भेड बकरी पालन कर अतिरिक्त आय का जरिया बनाने का प्रयास करते हैं। दूसरी ओर बैलों को मशक्कत के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस बार दो बैलों पर जहां गाज गिरने से वे मौके पर ही खत्म हो गए जबकि छोटे जानवर जिसमें भेडें शामिल है उनकी भी मौत हुई है। कुल 16 पशुओं की मौत शुक्रवार के तूफान में हुई है। 

नुकसान का ब्योरा

तहसील    हेक्टेयर
अकोला    725
बा.टाकली    199
पातूर     3025.97
मूर्तिजापुर    52
बालापुर     1241

कुल     5,242.97

अकोला, बार्शिटाकली, पातूर, मूर्तिजापुर व बालापुर इन तहसीलों मंे कुल 46 मकानों को  कहीं ज्यादा तो कहीं आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। घरों पर टीन शेड लगे हुए थे जो तूफानी हवा के कारण उड़ गए जबकि कई मकानों की दीवारों गिरने की खबरें हैं। कुल मिलाकर जिले में प्राकृतिक आपदा का एक और दौर चलने से किसानों की कमर टूट गई है। हालांकि इसका सर्वेक्षण किया गया है लेकिन नुकसान के मुकाबले मदद का अनुपात काफी कम होने से इस  नुकसान की भरपाई संभव नहीं है। 
 

Created On :   9 April 2023 2:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story