बेमौसम बारिश, 50 गांवों में फसलें चौपट

Unseasonal rains, crops collapsed in 50 villages
बेमौसम बारिश, 50 गांवों में फसलें चौपट
बेमौसम बारिश, 50 गांवों में फसलें चौपट


डिजिटल डेस्क शहडोल। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शुक्रवार की रात भी तेज बारिश के साथ ओले गिरे। मौसम की वजह से गेहूं, चना, सरसो, मसूर और अलसी को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा नुकसान बुढ़ार क्षेत्र में किसानों को पहुंचा है। यहां 40 से 60 फीसदी तक फसलें खराब हुई हैं। 
     शुक्रवार को जिले में कुल 68 मिमी बारिश हुई। बुढ़ार क्षेत्र में जहां दिन में बारिश हुई थी वहीं अन्य इलाकों में रात करीब साढ़े 9 बजे से 10 बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद रात में भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। सबसे ज्यादा 24 मिमी बारिश जैतपुर क्षेत्र में हुई है। वहीं सोहागपुर में 10 मिमी, बुढ़ार में 13, गोहपारू 2, ब्यौहारी 6 और जयसिंहनगर तहसील में 5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके पहले 22 फरवरी को 56 मिमी और 23 फरवरी को 62 मिमी बारिश जिले में हुई थी। दोनों ही दिन ओलावृष्टि भी हुई थी। इसके बाद बीच-बीच में भी बौछारें पड़ती रही हैं। अभी तक हुए प्रारंभिक सर्वे में बारिश और ओलावृष्टि से 50 गांवों की 3038 हेक्टेयर की फसलों में नुकसान देखा गया है। हालांकि नुकसान के आंकलन के लिए विस्तृत सर्वे का काम चल रहा है। अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है।  
नजरी आंकलन की रिपोर्ट शासन को भेजी 
राहत शाखा की ओर से प्रशासन को नजरी (अनुमानित) आंकलन की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। इसके अनुसार जिले में गेहूं, चना, सरसो, मसूर, अलसी के साथ साग-सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। अनुमानित नुकसान  50 से अधिक गांवों में बताया गया है। इससे जिले के करीब 4 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। वास्तविक सर्वे के निर्देश जारी हो गए हैं और राजस्व व कृषि विभाग की टीम सर्वे के कार्य में जुटी हुई हैं।  
अब फसलों में बढ़ सकता है फफूंद जनित रोग का प्रकोप  
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी ने बताया कि बेमौसम बारिश से सभी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान का प्रतिशत फसलों की स्थिति पर निर्भर है। जहां फल लग गए हैं, उनको ज्यादा नुकसान है। जहां पौधों में फल लगने की स्थिति है वहां थोड़ा कम नुकसान हुआ है। जो फसलें पक गई हैं जैसे चना, मसूर, अलसी राई उनको ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसके साथ उद्यानिकी की फसलें आम और महुआ को भी नुकसान पहुंचा है। कई जगह आम की बौर काली पड़ रही है। इनमें कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है। इसी तरह गेहूं में जहां बालियां लग गई हैं वहां भी दाना काला पड़ सकता है। अभी तक तो बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा ही था, शुक्रवार को हुई बारिश के बाद फफूंद जनित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि शिकायत अभी आई नहीं है। 
जिलेभर में फसलें प्रभावित 
बेमौमस बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के अच्छे उत्पादन की उम्मीद लेकर बैठे किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। करीब दो सप्ताह पहले हुई बारिश और ओलावृष्टि से तो फसलों को नुकसान पहुंचा ही था। शुक्रवार की बारिश ने नुकसान को और बढ़ा दिया है। गेहूं की फसलों के साथ-साथ सरसों की फलियों पर ओले लगने से दाने झड़ गए।  
 

Created On :   8 March 2020 11:27 PM IST

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