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जब तक टीका नहीं आता, बच्चों को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी पेरेंट्स पर !
विशेषज्ञों के अनुसार संभावित तीसरी लहर किसे प्रभावित करेगी यह कहा नहीं जा सकता है, लेकिन व्यस्कों के टीकाकरण के बाद बच्चों के लिए जल्द मिले वैक्सीन को मंजूरी, 0 से 18 वर्ष की उम्र में पिछले साल के मुकाबले इस साल तीन गुना संक्रमण
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बुजुर्गांे के साथ वयस्कों और कम उम्र के लोग भी जल्दी चपेट में आए, तो यह कहा जाने लगा कि दूसरी लहर ने युवाओं को प्रभावित किया। वहीं अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चर्चा है कि इसमें बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। पूरे कोरोना काल में अब तक जिले में लगभग 49 हजार व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुए हैं, इसमें से 0 से 18 वर्ष के बच्चों के संक्रमित होने का आँकड़ा 5 प्रतिशत ही रहा। आँकड़ों पर गौर करें तो यह कहा जा सकता है कि कोरोना ने बच्चों को उस तरह प्रभावित नहीं किया, जिस तरह वयस्क हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक बच्चों में देखा गया कोरोना संक्रमण एसिम्टोमैटिक या माइल्ड लेवल तक ही रहा है, बेहद कम मामले हैं जिनमें बच्चों को एडमिट करने की जरूरत पड़ी हो। ऐसे में जिस तीसरी लहर की चर्चा हो रही है, उसमें बच्चे तभी प्रभावित होंगे, जब 18 से अधिक उम्र वाले अधिकतम लोग टीका लगवा चुके होंगे और बच्चे ही शेष रह जाएँगे। ऐसे में जब तक बच्चों के लिए टीके की मंजूरी नहीं मिलती, पैरेंट्स पर बच्चों को लहर से बचाने की जिम्मेदारी होगी।
वैक्सीन अहम हथियार
विशेषज्ञ कहते हैं कि वायरस किस तरह का बर्ताव करेगा यह कहा नहीं जा सकता। कोरोना के नए-नए म्यूटेंट सामने आ रहे हैं। कोरोना से लडऩे में वैक्सीन एक अहम हथियार है। ऐसे में बच्चों के लिए भी अगर जल्द से जल्द वैक्सीन को मंजूरी मिले, तो कोरोना से जंग में यह अहम पड़ाव होगा।
सिर्फ बच्चे प्रभावित होंगे, यह जरूरी नहीं
मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अव्यक्त अग्रवाल कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी, इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है, लेकिन उस लहर में कौन सा एज ग्रुप प्रभावित होगा, यह कहा नहीं जा सकता। हमने देखा कि दूसरी लहर में युवा भी चपेट में आए, क्योंकि सीनियर्स के वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी थी। ऐसे में अब जब 18 + का वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है, तो हो सकता है बच्चे भी प्रभावित हों, लेकिन सिर्फ बच्चे ही होंगे, यह नहीं कहा जा सकता।
गंभीर संक्रमण से दूर बच्चे
मेडिकल कॉलेज में बच्चों में कोरोना संक्रमण के गंभीर मामले नहीं देखे गए हैं। डॉ. अग्रवाल के अनुसार जिन बच्चों में संक्रमण हुआ, उनमें ज्यादातर में सामान्य लक्षण थे और ओपीडी ट्रीटमेंट के माध्यम से ही वे घर पर स्वस्थ हो गए। कुछ ही मामले ऐसे थे, जिनमें भर्ती करने की नौबत आई।
Created On :   21 May 2021 3:51 PM IST