यूपी रोडवेज के कर्मचारियों को मिलता है महाराष्ट्र से ज्यादा  वेतन 

UP Roadways employees get more salary than Maharashtra
यूपी रोडवेज के कर्मचारियों को मिलता है महाराष्ट्र से ज्यादा  वेतन 
दावा  यूपी रोडवेज के कर्मचारियों को मिलता है महाराष्ट्र से ज्यादा  वेतन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी सार्वजनिक परिवहन सेवा का सरकार में विलय होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगा। महाराष्ट्र की तरह उत्तर प्रदेश में भी राज्य परिवहन निगम यानि यूपी रोडवेज का राज्य सरकार में विलय की  मांग हो रही है। इसको लेकर आगामी 29 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल का एलान किया गया है। यूपी रोडवेज और महाराष्ट्र के एसटी महामंडल में फर्क यह है कि गरीब राज्य माने जाने वाले उत्तर प्रदेश की सरकारी परिवहन सेवा लाभ में चल रही है और उसके कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल जाता है। जबकि महाराष्ट्र जैसे समृद्धिशाली राज्य के राज्य़ परिवहन सेवा के कर्मचारी आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हैं। यह बात मुंबई प्रवास पर आए यूपी रोडवेड एम्प्लाई यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष रुपेश कुमार ने कही। 

गुरुवार को महानगर में पत्रकारों से बातचीत में रुपेश कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकारी परिवहन सेवा एसटी महामंडल के कर्मचारी 45 दिनों से हड़ताल पर हैं। यह दुखद स्थिति है कि समय पर वेतन न मिलने के कारण कई कर्मचारियों को आत्महत्या करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की गिनती देश के समृद्धिशाली राज्यों में होती है। इसके बावजूद एसटी कर्मचारियों का वेतन यूपी रोडवेज के कर्मचारियों से कम है। यूपी रोडवेज में चालक का शुरुआती मूलवेतन 19900 है जबकि महाराष्ट्र में यह राशि 12080 रुपए ही है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि यूपी रोडवेज के कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलता है। हालांकि महाराष्ट्र की एसटी तरह यूपी रोडवेज के कर्मचारी भी उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को राजकिय किए जाने की मांग कर रहे हैं। रुपेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2019 में हमनें तत्कालिन राज्यपाल राम नाईक के सामने अपनी यह मांग रखी थी। इसके बाद 8 जनवरी 2019 को श्री नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को राजकिय रोडवेज करने के संबंध में पत्र लिखा था। 

रुपेश कुमार का कहना है जहां महाराष्ट्र सहित कई राज्यों की परिवहन सेवा घाटे में चल रही है, वहीं यूपी रोडवेज फायदे में है। इस साल नवंबर में ही यूपी रोडवेज ने 48.49 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर यूपी रोडवेज का करीब 5500 करोड़ रुपए बकाया है। श्री कुमार ने कहा कि कोरोनाकाल में देशभर में रोजीरोजी के लिए गए उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिक अपने घरों को लौटे तो यूपी रोडवेज ने ही उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को एसटी महामंडल के कर्मचारियों की मांगे मान लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की अपेक्षा महाराष्ट्र में मंहगाई भी ज्यादा है। इसके बावजूद सरकार उन्हें कम वेतन दे रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसटी महामंडल को राजकिय किए जाने से भ्रष्टाचार खत्म होगा और उसकी आर्थिक हालत सुधरेगी जिसका लाभ सीधे आम जनता को होगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में परिवहन सेवा राजकिय है। रुपेश कुमार के मुताबिक यूपी रोडवेज के पास 10 हजार बसे हैं जबकि महाराष्ट्र में एसटी के बेडे में 18 हजार से अधिक बस हैं। एसटी महामंडल करीब 4 हजार करोड़ के घाटे में चल रही है। जबकि यूपी रोडवेज 400 करोड़ के लाभ में है।   

Created On :   9 Dec 2021 10:07 PM IST

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