वरवरा राव को 28 अक्टूबर तक जेल में आत्मसमर्पण की जरुरत नहीं

Varavara Rao does not need to surrender in jail till October 28
वरवरा राव को 28 अक्टूबर तक जेल में आत्मसमर्पण की जरुरत नहीं
भीमा कोरेगांव मामला वरवरा राव को 28 अक्टूबर तक जेल में आत्मसमर्पण की जरुरत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद और माओवादियों से संबंध रखने के आरोपी कवि और कार्यकर्ता वरवर राव को 28 अक्टूबर तक तलोजा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं है। अदालत 26 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति नितिन जमादार और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ ने 82 वर्षीय राव की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दी। 

इसी साल 22 फरवरी को स्वास्थ्य के आधार पर बांबे हाईकोर्ट ने राव को छह महीने के लिए जमानत दी थी। यह अवधि पांच सितंबर को खत्म हो रही थी जिसके बाद उन्हें आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में लौटना था। लेकिन राव ने पिछले महीने अपने वकीलों के जरिए अर्जी देकर जमानत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था।

राव ने जमानत अवधि के दौरान अपने गृहनगर हैदराबाद में रहने की इजाजत भी मांगी थी। लेकिन मामले की छानबीन कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि मेडिकल रिपोर्ट में इस बात के कोई संकेत नही हैं कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी है। बता दें कि जमानत की शर्तों के मुताबिक राव मुंबई में किराए के मकान में अपनी पत्नी के साथ रह रहे हैं।    

Created On :   14 Oct 2021 8:16 PM IST

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