वरवरा राव को स्वास्थ्य के आधार पर स्थाई जमानत नहीं, अस्थाई जमानत की अवधि बढ़ी 

Varvara Rao will not granted permanent bail on health grounds, term of temporary bail extended
वरवरा राव को स्वास्थ्य के आधार पर स्थाई जमानत नहीं, अस्थाई जमानत की अवधि बढ़ी 
हाईकोर्ट वरवरा राव को स्वास्थ्य के आधार पर स्थाई जमानत नहीं, अस्थाई जमानत की अवधि बढ़ी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी वरवरा राव की स्थायी तौर पर सेहत ठीक न होने के आधार पर जमानत की मांग को अस्वीकार कर दिया है किंतु 83 वर्षीय आरोपी राव की अस्थाई जमानत को तीन सप्ताह तक के लिए बढा दिया है। ताकि वे अपनी आंखो के मोतियाबिंद का इलाज करा सके। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही राष्ट्र जांच एजेंसी(एनआईए) को शीघ्रता से इस मामले से जुड़े मुकदमे की सुनवाई  करने एवं  रोजना सुनवाई करने को कहा। 

न्यायमूर्ति एसबी सुक्रे व न्यायमूर्ति जीए सानप की खंडपीठ ने राव की स्थाई जमानत की मांग के साथ ही उनकी जमानत की अवधि के दौरान मुंबई की बजाय हैदराबाद में रहने की मांग को भी अस्वीकार कर दिया है। इस दौरान खंडपीठ ने तलोजा जेल में सुविधाओं व अस्वच्छता को लेकर राव की ओर से पैरवी करनेवाले वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर की ओर से किए गए दावों के मद्देनजर राज्य के जेल महानिरीक्षक को तलोजा जेल सहित राज्य भर की जेलों में मौजूद सुविधाओं को लेकर 30 अप्रैल तक स्पष्ट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 

मामले में आरोपी राव फिलहाल अस्थाई मेडिकल जमानत पर जेल से बाहर हैं। हाईकोर्ट ने पिछले साल राव को अस्थाई मेडिकल जमानत प्रदान की थी। इसके बाद राव ने हाईकोर्ट में तीन आवेदन दायर किए थे। एक आवेदन में राव ने मांग की थी कि उन्हें जमानत की अवधि के दौरान हैदराबाद में रहने दिया जाए। मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक स्थाई जमानत दी जाए अथवा अस्थाई जमानत की अवधि को 6 माह के लिए बढाया जाए। क्योंकि उनके लिए मुंबई में रहने का खर्च वहन कर पाना मुश्किल पड़ रहा है। 

एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने राव के तीनों मांग का विरोध किया। और कहा कि राव को दोबारा जेल में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जेल में कई उम्र दराज कैदी जेल में बंद है। सेहत ठीक न होने की स्थिति में इन कैदियों का जेल के अस्पताल में इजाल होता है। इस तरह से मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने राव की स्थायी जमानत देने की मांग को अस्वीकार कर दिया किंतु तीन महीने के लिए उनकी अस्थायी जमानत को बढा दिया। 

 

Created On :   13 April 2022 9:29 PM IST

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