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घायल का इलाज कराने से क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार नहीं होता समाप्त

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश जीसी मिश्रा ने अभिनिर्धारित किया है कि सड़क दुर्घटना में घायल का इलाज कराने के बाद भी घायल के क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार समाप्त नहीं होता है। न्यायालय ने इस अभिमत के साथ इलाज कराने के बाद भी वाहन चालक को 1 लाख 18 हजार रुपए क्षतिपूर्ति दो माह के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है।
इलाज कराया व सहायता राशि दी
प्रकरण के अनुसार सूपावारा कुंडम निवासी विनोद बर्मन को 18 अप्रैल 2015 को बाइक क्रमांक एमपी-20-एमएस-8045 के चालक राजेश कुमार ने टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में विनोद बर्मन के पैर की हड्डी टूट गई थी। कुंडम पुलिस ने इस मामले में वाहन चालक के खिलाफ 279, 337, 338 का प्रकरण दर्ज किया था। विनोद बर्मन की ओर से न्यायालय में क्षतिपूर्ति दावा पेश कर बताया कि वाहन चालक की लापरवाही से उसके पैर की हड्डी टूट गई। वह स्स्थाई रूप से विकलांग हो गया है। वाहन चालक राजेश कुमार की ओर से बताया गया कि उसने घायल विनोद बर्मन का निजी अस्पताल में इलाज कराया। इलाज में उसके 60 हजार रुपए खर्च हुए। उसने 6 माह तक घायल को 2 हजार रुपए प्रतिमाह खर्च के लिए भी दिया था।
दबाव में कराया अनुबंध
घायल ने उसके साथ एक अनुबंध भी किया था कि वह न्यायालय में क्षतिपूर्ति का दावा पेश नहीं करेगा। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि घायल ने दबाववश वाहन चालक के साथ अनुबंध कर लिया था। स्वतंत्र सहमित से किया गया अनुबंध ही मान्य होता है। अधिवक्ता अरविंद कुमार चौधरी और तरूण रोहितास के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि घायल 1 लाख 78 हजार रुपए क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी है। इलाज में खर्च की गई राशि 60 हजार रुपए काटकर घायल को 1 लाख 18 हजार रुपए 6 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह में अदा किया जाए।
Created On :   4 Jun 2019 1:22 PM IST