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आदिवासी महिला का हुक्का पानी बंद, मिलने वाले पर लगेगा जुर्माना!

डिजिटल डेस्क जबलपुर । सिवनी जिले की बरघाट तहसील अंतर्गत ग्राम नगझिर में मुनादी कर एक आदिवासी महिला का हुक्का पानी बंद करने और उससे मिलने वाले पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाने वाले ग्राम पंचायत के फरमान को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
पीडि़त महिला का आरोप है कि इसके लिए ग्राम पंचायत ने बाकायदा मुनादी भी करा दी। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकलपीठ ने मामले में लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है।
यह याचिका सिवनी जिले की बरघाट तहसील के ग्राम नगझिर में रहने वाली आदिवासी महिला की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि उसके घर के सामने रोड के लिए आरक्षित जमीन का आवंटन दूसरे गांव में रहने वाले दस वर्षीय बालक के नाम पर कर दिया गया। इसका याचिकाकर्ता द्वारा विरोध किए जाने पर तहसीलदार ने जमीन आवंटन की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। बाद से गांव के अशोक अचारे, सुनील तेकाम, जटार वाडीवा,ओम प्रकाश ए राजेश आदि ने एकमत होकर याचिकाकर्ता के परिवार का हुक्का-पानी बंद करवा दिया। इसके लिए ग्राम कोटवार ने बाकायदा मुनादी भी करवाई। यह ऐलान भी ग्राम पंचायत ने कराया कि जो भी याचिकाकर्ता से मिलेगा, उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। याचिकाकर्ता का आरोप है कि दस वर्ष पूर्व भी उनके परिवार का दो वर्षों के लिए उक्त लोगों ने हुक्का-पानी बंद करवा दिया था। हर्जार्ना अदायगी के बाद उन्हें ग्राम में शामिल किया गया था। पीडि़त महिला का कहना है कि हुक्का-पानी बंद किये जाने के संबंध में कलेक्टर व पुलिस अधिकारियों से लिखित शिकायत भी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। मामले में गृह विभाग के सचिव, सिवनी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के अलावा ग्राम पंचायत के सरपंच तथा सचिव को भी पक्षकार बनाया गया है।
मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद व अंजना कुररिया व काशी राम पटेल पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   20 Dec 2017 1:20 PM IST