मेडिकल यूनिवर्सिटी में उलटफेर जारी -एक और उप-कुलसचिव को हटाया गया 

Violence continues in Medical University - another deputy registrar was removed
मेडिकल यूनिवर्सिटी में उलटफेर जारी -एक और उप-कुलसचिव को हटाया गया 
मेडिकल यूनिवर्सिटी में उलटफेर जारी -एक और उप-कुलसचिव को हटाया गया 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । उथल-पुथल के दौर से गुजर रही मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी में गुरुवार को एक और उलटफेर हुआ। एक के बाद एक अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति खत्म किए जाने के क्रम में एक नया नाम और जुड़ गया। एक दिन पहले ही प्रभारी कुलसचिव को हटाए जाने के बाद उप कुलसचिव की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग भेज दिया गया। गौर करने वाली बात है कि दोनों ही अधिकारियों को हटाने का कारण अब तक सामने नहीं आया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रभारी कुलसचिव डॉ. जेके गुप्ता के बाद उप कुलसचिव बनाकर विवि भेजे गए डॉ. आरपी पांडे को भी मूल विभाग में जाने का आदेश जारी किया है। नरसिंहपुर में आयुष विभाग में मेडिकल ऑफिसर डॉ. पांडे, नवंबर 2020 में डॉ. गुप्ता के साथ ही प्रतिनियुक्ति पर आए थे। आदेश में कहा गया है कि डॉ. पांडे की प्रतिनियुक्ति सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर, उनके मूल विभाग को सौंपी जाती है।  
24  घंटे में नए अधिकारी मिले
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अधिकारियों की प्रतिनियुक्त समाप्त करने के चौबीस घंटे के भीतर ही नए अधिकारियों को प्रभार दे दिया गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में प्रो. डॉ. प्रभात बुधोलिया को एमयू में नया कुलसचिव बनाकर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के ही डॉ. अमित बी. किनारे को उप कुलसचिव बनाया गया है। हालाँकि एमयू में अभी परीक्षा नियंत्रक का पद खाली है और यह जिम्मेदारी डॉ. वीवी सिंह सँभाल रहे हैं। चर्चा है कि परीक्षा नियंत्रक के पद पर भी जल्द नियुक्ति हो सकती है। 
अभाविप के कुलपति पर आरोप 
 एमयू में चल रही अनियमितता और भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद से ही अभाविप द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन एवं आंदोलन किया जा रहा है। परिषद की सुमन यादव एवं सर्वम सिंह राठौर का कहना है कि एमयू में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारियों के अलावा कुलपति की भूमिका भी शंका के दायरे में हैं। राज्य शासन के द्वारा कुलपति के ऊपर कोई भी कार्रवाई न करना कुलपति को संरक्षण देना प्रतीत होता है। परिषद की यह स्पष्ट माँग है कि इस अनियमितता की जाँच सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर की जाए।
 

Created On :   16 July 2021 2:31 PM IST

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