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विधान परिषद चुनाव के लिए भी होगा मतदान, 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी और विपक्षी दल भाजपा के बीच विधान परिषद की 10 सीटों पर होने वाले चुनाव में भी सीधे भिड़ंत होगी। सोमवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन दो उम्मीदवारों राकांपा शिवाजी राव गर्जे और भाजपा समर्थित सदाभाऊ खोत के नामांकन वापस लेने बाद भी विधान परिषद की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
महाविकास आघाड़ी छह सीटों और भाजपा पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में उच्च सदन की 10 वीं सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की लड़ाई होगी। दोनों दलों के उम्मीदवारों का भविष्य छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के रूख पर टिका हुआ है। सोमवार को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारों का नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था। अंतिम दिन भाजपा समर्थित छठवें उम्मीदवार सदाभाऊ खोत और राकांपा के तीसरे उम्मीदवार शिवाजीराव गर्जे ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इससे अब भाजपा के पांच, शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो उम्मीदवारों यानी कुल 11 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। इस चुनाव के लिए कुल 15 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था। जिसमें से दो निर्दलीय उम्मीदवारों का नामांकन खारिज हो गया था। जबकि दो प्रत्याशियों के पर्चा वापस लेने से अब 11 उम्मीदवार बचे हैं।
जीत के लिए चाहिए 27 वोट
विधान परिषद के एक उम्मीदवार को जीतने के लिए लगभग 27 वोटों की जरूरत पड़ेगी। 288 सीटों वाले विधानसभा में शिवसेना के विधायक रमेश लटके के निधन के कारण एक सीट रिक्त है। इससे विधानसभा के 287 विधायक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। विधानसभा में शिवसेना के 55, कांग्रेस के 44 और राकांपा के 53 विधायक हैं। जबकि भाजपा के 106 विधायक हैं। छोटे दलों और निर्दलीयों को मिलाकर 29 विधायक हैं। विधायकों के संख्याबल के आधार पर महाविकास आघाड़ी पांच सीट और भाजपा चार सीट आसानी से जीत सकती है। जबकि 10 वीं सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई होगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ओर से 10 वीं सीट को जीतने के लिए दांवे किए जा रहे हैं। यदि छोट दलों और निर्दलीयों ने महाविकास आघाड़ी का साथ नहीं दिया तो भाजपा दूसरी बार चमत्कार कर सकती है। क्योंकि राज्यसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने का दावा करने वाले कुछ छोटे दलों और निर्दलीयों ने पाल बदल लिया था। इसलिए अब कांग्रेस के सामने छोटे दलों और निर्दलीयों को एकजुट रखने की कोशिश में है।
राज्यसभा चुनाव में लग चुका है झटका
राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के हार से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नाराज बताए जा रहे हैं। राकांपा के पास कांग्रेस के उम्मीदवारों को मतदान करने के लिए अतिरिक्त वोट नहीं हैं। इसलिए शिवसेना और राकांपा दोनों दल चाहते थे कि कांग्रेस दो में एक सीट पर पर्चा वापस ले ले। लेकिन कांग्रेस ने दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस को दोनों सीट पर जीत हासिल करने के लिए काफी परिश्रम करना होगा। विधान परिषद चुनाव में गुप्त मतदान होता है। विधायकों ने किस उम्मीदवार को अपना मत दिया है। यह दिखाने की आवश्यकता अपने दल के पोलिंग एजेंट को नहीं होती है। इसलिए भाजपा को भरोसा है कि राज्यसभा की तरह इस बार भी छोटे दलों और निर्दलीय विधायक टूटेंगे। भाजपा महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों के कुछ विधायकों को भी अपने पाले में करने की जुगत में है। दूसरी तरफ राकांपा के दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं। दोनों विधायकों ने अदालत से मतदान करने के लिए अनुमति मांगी है। जबकि भाजपा के पुणे की चिंचवड सीट से विधायक लक्ष्मण जगताप और पुणे की कसबापेठ सीट से विधायक मुक्ता तिलक गंभीर रूप से बीमार हैं। इसलिए यह चारों विधायक मतदान करते हैं अथवा नहीं।, यह मतदान के दिन ही पता चल सकेगा।
कांग्रेस के कारण आई मतदान की नौबत- फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम चाहते थे कि विधान परिषद चुनाव निर्विरोध हो। सत्तारूढ़ शिवसेना और राकांपा ने कोशिश की कांग्रेस अपना एक उम्मीदवार वापस ले ले। लेकिन कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का पर्चा वापस लेने से इंकार कर दिया। इस कारण मतदान की नौबत आई है। फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के विधायकों में बड़े पैमाने पर असंतोष है। तीनों दलों के बीच तालमेल का अभाव है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ विधायकों का असंतोष देखने को मिलेगा। मुझे विश्वास है कि भाजपा पांचों सीटों पर जीतेगी।
धनबल का इस्तेमाल करना चाहती है भाजपाः पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा धनबल और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। लेकिन महाविकास आघाड़ी राज्यसभा चुनाव में हुई गलतियों को सुधार कर विधान परिषद चुनाव का सामना करेगी। इस चुनाव में महाविकास आघाड़ी के सभी छह उम्मीदवार जीतेंगे।
विधान परिषद चुनाव में उतरे प्रत्याशी
भाजपा - प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय, उमा खापरे और प्रसाद लाड
राकांपा- रामराजे नाईक-निंबालकर, एकनाथ खडसे
शिवसेना - सचिन अहिर, आमश्या पाडवी
कांग्रेस- भाई जगताप और चंद्रकांत हंडोरे
विधानसभा में दलवार विधायकों की संख्या
शिवसेना - 55
राकांपा- 53
कांग्रेस- 44
भाजपा- 106
बहुजन विकास आघाडी- 3
समाजवादी पार्टी - 2
एमआईएम- 2
प्रहार जनशक्ति पक्ष (पार्टी) 2
मनसे- 1
माकपा- 1
शेतकरी कामगार पक्ष - 1
स्वाभिमानी पक्ष - 1
राष्ट्रीय समाज पक्ष - 1
जनसुराज्य शक्ति पक्ष - 1
क्रांतिकारी शेतकरी पक्ष - 1
निर्दलीय 13
रिक्त 1
कुल 288
Created On :   13 Jun 2022 8:53 PM IST