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एनआईए की हिरासत में बीता वक्त जीवन का सबसे दर्दनाक समय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने पूर्व न्यायमूर्ति के.यू चांदिवाल कमेटी के सामने दावा किया है कि एंटिलिया मामले में गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में बीता समय उनके जीवन का सबसे दर्दनाक वक्त था। वाझे के अनुसार दौरान उसने दबाव में कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए थे। इस साल फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार बरामद की गई थी। इस मामले में वाझे को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद कारोबारी मनसुख हिरण की हत्या के मामले में भी वाझे की भूमिका सामने आयी थी। राज्य सरकार ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए पूर्व न्यायमूर्ति के. यू. चांदिवाल के अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। जिसके सामने वाझे की जिरह चल रही है। इस दौरान देशमुख की वकील अनिता कैस्टलिनो ने वाझे से सवाल किया कि जब आप एनआईए की हिरासत में थे तब आप पर कोई दबाव था अथवा कोई असहज स्थिति पैदा हुई थी। इस सवाल का हां में जवाब देते हुए वाझे ने कहा कि एनआईए की हिरासत अवधि उसके जीवन का सबसे पीड़ादायक वक्त था। इस दौरान उसने दबाव में कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। एक अन्य सवाल के जवाब में वाझे ने कहा कि एनआईए की 28 दिन की हिरासत की अवधि के दौरान उसे काफी अपमानित व प्रताड़ित किया गया। जिससे वह अभी तक उबर नहीं सका है। वाझे ने कहा कि उन्हें एनआईए कोर्ट ने दस्तावेज तक नहीं प्रस्तुत करने दिया। पंचनामे की प्रति से वंचित रखा गया। वाझे से बुधवार को भी जिरह जारी रहेगी।
पूर्व गृहमंत्री देशमुख भी कमेटी के सामने पेश हुए
इससे पहले मंगलवार को राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी कमेटी के सामने हाजिर हुए। देशमुख की वकील अनित कैस्टलिनो ने कहा कि उन्होंने कमेटी से आग्रह किया था कि देशमुख को बुलाया जाए। ताकि वे उनसे निर्देश ले सके। इस दौरान जब देशमुख कमेटी परिसर में आए तो वहां पर वाझे भी मौजूद थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान वाझे व देशमुख की मुलाकात भी हुई। हालांकि देशमुख की वकील कैस्टलिनो ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने वाझे से कोई मुलाकात नहीं की है। देशमुख को पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वे आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में है। सीबीआई भी देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है। सोमवार को वाझे व पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह की भी कमेटी के कार्यालय परिसर के एक कमरे में एक घंटे तक मुलाकात हुई थी।
पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट किया रद्द
मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उगाही से जुड़े मामले में पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया है। वारंट रद्द करने की मांग को लेकर सिंह ने आवेदन दायर किया था। जिस पर गौर करने के बाद अतिक्त मुख्य महानगरीय दंडाधिकारी आरएम नेरलिकर ने सिंह के खिलाफ जारी वारंट को रद्द कर दिया।
Created On :   30 Nov 2021 9:04 PM IST