वाझे का ने कहा- देशमुख ने मुझे पुलिस सेवा में वापस आने के लिए कहा था

Wajhe said - Deshmukh had asked me to return to police service
वाझे का ने कहा- देशमुख ने मुझे पुलिस सेवा में वापस आने के लिए कहा था
चांदिवाल कमेटी के सामने दावा वाझे का ने कहा- देशमुख ने मुझे पुलिस सेवा में वापस आने के लिए कहा था

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने कहा है कि उन्हें राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने नौकरी में वापस आने के लिए आवेदन करने के लिए कहा था। वाझे ने यह खुलासा राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों की जांच के लिए पूर्व न्यायमूर्ति के. यू. चांदिवाल कमेटी के सामने किया है। राज्य सरकार ने इस कमेटी का गठन किया है। कमेटी के सामने देशमुख के निजी सहायक संजीव पलांडे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता शेखर जगताप के सवालों के जवाब में वाझे ने कहा कि जब वह निलंबित था तो उसे नौकरी में दोबारा आने के लिए राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आवेदन करने को कहा था। लेकिन इसको लेकर मेरे पास कोई सबूत नहीं हैं। वाझे से जिरह के दौरान श्री जगताप की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वाझे ने कहा कि मेरी पलांडे से कोई निजी मित्रता नहीं थी। मैं जब भी उनसे मिला आधिकारिक रुप से ही मिला। बार व रेस्टोरेंट से पैसे वसूली को लेकर भी मेरी पलांडे से कभी कोई बातचीत नहीं हुई थी। मैं उनसे सिर्फ आधिकारिक काम के सिलसिले में मिलता था। वाझे से मिले इन जवाबों के बाद अधिवक्ता जगताप ने कहा कि अब मुझे वाझे से कोई सवाल नहीं करना है। इसके बाद कमेटी ने सुनवाई को स्थगित कर दिया। 

देशमुख पर वसूली का आरोप सुनी-सुनाई हुई बातों पर आधारित

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने अपने वकील के माध्यम से कमेटी के सामने कहा कि उन्होंने राज्य के पूर्व गृहमंत्री देशमुख पर सुनी-सुनाई हुई बातों के आधार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। सिंह के वकील अभिनव चंद्रचूड ने कमेटी के सामने कहा कि उनके मुवक्किल के पास इस मामले में और कुछ भी साझा करने के लिए नहीं है। मेरे मुवक्किल को जो कहना था वे पत्र में कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल को देशमुख के संदर्भ में जो सूचना मिली थी उसे एक अधिकारी ने दिया था। इस बारे में मेरे मुवक्किल की अपनी कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में यदि वे कठघरे में आकर भी इस बात को कहते हैं तो कानून की नजर में उसका कोई महत्व नहीं है। क्योंकि वे जो कुछ कहेंगे उसे उन्हें किसी ने बताया था। इसलिए कमेटी के सामने मेरे मुवक्किल के पास कहने के लिए कुछ नहीं है। 

 

Created On :   24 Nov 2021 2:27 PM GMT

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