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जंगलों में छुप कर बैठ गए ईनामी डकैत, काम कर रही अंतर्राज्यीय रणनीति

डिजिटल डेस्क, सतना। तराई में दस्यु उन्मूलन अभियान को लेकर रीवा रेंज के आईजी उमेश जोगा की रणनीति का असर दिखने लगा है। विपरीत भौगोलिक स्थितियों के बावजूद सतना व रीवा की पुलिस कई बार अंतर्राज्यीय गिरोह के करीब तक पहुंच चुकी है, वहीं छिन्न-भिन्न हो चुके मुखबिर तंत्र को फिर से सक्रिय किया गया है। इसके लिए मझगवां, चित्रकूट, धारकुंडी में कई बार बैठक लेकर न सिर्फ सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया, बल्कि शासन की योजनाओं से लाभांवित कराने की बात कही गई। जिसका नतीजा यह निकला कि पुलिस से दूरी बनाकर चलने वाले ग्रामीण अब डकैतों की छोटी से छोटी हरकत की खबर आईजी व एसपी को दे रहे हैं। इसी के चलते विगत दिनों बेधक में मुठभेड़ कर बबुली गिरोह के 4 बदमाशों को पकड़ने में सफलता मिली और गढ़ी-परासिन की पहाड़ियों पर गुप्त ठिकाने तक पुलिस पार्टियां जा पहुंची।
आदिवासियों का साथ अहम
तराई के इन क्षेत्रों में तमाम आधुनिक संसाधनों के बावजूद चिन्हित जगह पर पहुंचना बेहद मुश्किल है, पर लकड़ी, घास समेत जड़ीबूटियों की तलाश में आने वाले ग्रामीण और चरवाहे यहां के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं। जिनकी मदद से पुलिस अपनी मंजिल खोज पाई और वापस भी लौट आई। बगदरा और पाठा के जंगलों की दुश्वारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब एसएएफ का एक जवान प्यास से बेहाल होकर साथियों से बिछड़ गया था, तब उसे खोजने में सैकड़ों पुलिस कर्मियों, वन कर्मियों और ग्रामीणों को दो दिन लग गए थे। जिस जगह पर शव मिला था, उसके अगल-बगल से कई बार सर्च पार्टियां गुजर गईं पर जवान का शव नहीं दिखा था। अंतत: एक चरवाहे ने खाकी की मुश्किलें दूर की थीं।
सीमा पार अभियान में कई बंदिशें
आईजी ने कहा कि मजबूत मुखबिर तंत्र और क्षेत्र की स्थितियों से अवगत हो चुकी पुलिस पार्टियों के सहारे मोस्ट वॉन्टेड डकैत को ठिकाने लगाने की रणनीति सही दिशा पर है, लेकिन साढ़े 5 लाख का इनामी सरगना और उसके साथी ज्यादातर समय मानिकपुर-मारकुंडी से लगे जंगलों और पहाड़ियों में छिपे रहते हैं। इस क्षेत्र में डकैतों के रिश्तेदार व मददगार भी काफी हैं। कई बार बार्डर से लगे उत्तरप्रदेश के जंगलों में सूचना मिलने पर तब तक कार्रवाई नहीं कर पाते, जब तक कि यूपी पुलिस सहयोग के लिए नहीं आ जाती है। इसी बात का फायदा उठाकर गिरोह बच निकलता है, पर इतना तय है कि यदि सतना या रीवा की सीमा में बबुली गिरोह ने अब कदम रखा तो उसका खात्मा निश्चित है।
दस्यु सुन्दरी का गिरोह हो रहा कमजोर
उधर नयागांव, कर्वी, बरौंधा और फतेहगंज के इलाके में सक्रिय रही 10 हजार की इनामी दस्यु सुन्दरी साधना पटेल का गिरोह कमजोर होता जा रहा है। बांदा और कर्वी पुलिस के द्वारा अपने यहां दर्ज प्रकरण में गिरोह के कई डकैतों को गिरफ्तार किया गया है अथवा दबोचने के लिए दबिश दी जा रही है। एनकाउंटर के डर से दस्यु सुन्दरी अपने बचे-कुचे साथियों को लेकर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भटक रही है। सतना जिले के दस्यु प्रभावित थाना क्षेत्र बरौंधा, नयागांव और मझगवां में गिरोह की सक्रियता हाल-फिलहाल बिल्कुल भी नहीं है।
Created On :   13 Dec 2018 1:20 PM IST