सरकारी जमीन पर ताना मकान, प्रशासन ने तोड़ा

Warp house on government land, administration broke
सरकारी जमीन पर ताना मकान, प्रशासन ने तोड़ा
छपारा के मड़वा में हुई संयुक्त कार्रवाई सरकारी जमीन पर ताना मकान, प्रशासन ने तोड़ा

डिजिटल डेस्क सिवनी/छपारा। जिले में सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने सहित उन पर निर्माण करने के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। कई जगह प्रशासन कार्रवाई भी कर रहा है और शासकीय जमीन कब्जामुक्त कराई जा रही है। ताजा कार्रवाई छपारा के मड़वा में हुई है, जहां सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण कर लिया गया था। इसे जेसीबी सहित पहुंची राजस्व व पुलिस विभाग की टीम ने ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई लखनादौन एसडीएम सिद्धार्थ जैन के निर्देश पर छपारा तहसीलदार नितिन गौड़ द्वारा कराई गई। जिस शासकीय भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है, वह छह लाख रुपए कीमती बताई जा रही है। बताया गया कि मड़वा में पहाड़ चट्टान मद की शासकीय भूमि पर भगवत सिंह पिता बलराम सिंह ठाकुर ने अवैध कब्जा कर पक्के मकान का निर्माण करा लिया था। ग्रामीणों की शिकायत के बाद राजस्व विभाग का अमला हरकत में आया। नोटिस जारी करने के बावजूद उसके द्वारा कब्जा नहीं छोड़ा जा रहा था। जिसके चलते वरिष्ठ अफसरों के निर्देश पर नायब तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार, थाना प्रभारी सौरभ पटेल, राजस्व निरीक्षक राजीव नेमा, हल्का पटवारी सरूप लाल मर्सकोले, धर्मेंद्र सिंह उईके व पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से मकान तुड़वाकर शासकीय भूमि कब्जा मुक्त कराई।
इधर, सरकारी जमीन पर चल रही कलारी
जिला मुख्यालय में दलसागर तालाब के किनारे शासकीय जमीन पर कब्जा कर देशी शराब दुकान व अहाता का सालों से संचालन किया जा रहा है। यहां सरकारी जमीन पर बनाए गए भवन में ऊपरी तल पर शराब दुकान संचालित हो रही है और नीचे अहाता चल रहा है। सालों से कब्जा होने के बावजूद न ही नगर पालिका और न ही जिला प्रशासन कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा है। इसी तरह तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच द्वारा सरकारी बस स्टैण्ड के सामने सरकारी जमीन से हटवाए गए अवैध कब्जे भी फिर से काबिज हो गए हैं। दलसागर तालाब के पास नगर पालिका की दो एकड़ सरकारी जमीन पर भी सालों से कब्जा जमा हुआ है।
पंचायत कार्यालय में झोलाछाप का कब्जा
इधर ग्राम पंचायत छुई के पुराने कार्यालय में दो साल से एक झोलाछाप चिकित्सक का कब्जा बताया जा रहा है। ग्राम पंचायत के प्रयासों के बावजूद झोलाछाप कब्जा नहीं छोड़ रहा है। ग्राम के सचिव रमाकांत अमृते का कहना है कि उक्त चिकित्सक को तीन-चार बार नोटिस भी दिया जा चुका है, लेकिन पंचायत के पुराने कार्यालय में किया गया कब्जा नहीं छोड़ रहा है। सचिव का कहना है कि उक्त भवन को खाली कराकर सेंट्रल बैंक को किराए पर देने की योजना है, जिससे पंचायत की आय भी होगी।

Created On :   14 Feb 2022 10:44 PM IST

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