बच्चों की गवाही को काफी सर्तकता और सावधानी से देखें

Watch the testimony of children with great care and caution - HC
बच्चों की गवाही को काफी सर्तकता और सावधानी से देखें
हाईकोर्ट बच्चों की गवाही को काफी सर्तकता और सावधानी से देखें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्चों को आसानी से सिखाया पढ़ाया जा सकता है, जिससे वे किसी भी बात को बढ़ाचढ़ा कर बता सकते हैं। इसलिए जरुरी है कि बच्चों की गवाही को काफी सर्तकता व सवाधानी के साथ देखा जाए। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने पांच साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाए गए, एक आरोपी को बरी कर दिया है। आरोपी को इस मामले में निचली अदालत ने साल 2019 में दोषी ठहराते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

आरोपी के खिलाफ की गई शिकायत के मुताबिक बच्ची जब आरोपी के घर में खेलने के लिए जाती थी, तो आरोपी उसे चाकलेट दे कर उसका यौन उत्पीड़न करता था। पीड़ित बच्ची की मां ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि आरोपी ने दावा किया था कि उसका शिकायतकर्ता  के साथ फ्लैट में पानी के लीकेज को लेकर विवाद चल रहा था। इसलिए उसे इस मामले में फंसाया गया है। इसके अलावा शिकायत करने में काफी देरी हुई है। आरोपी के वकील ने दावा किया कि इस मामले में पीड़ित पांच साल बच्ची की गवाही विश्वसनीय नजर नहीं आ रही है।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई ने कहा कि बच्चे का स्वभाव काफी कोमल होता है। उन्हें आसानी से सिखाया पढ़ाया जा सकता है। इसलिए उनकी गवाही को काफी सर्तकता व सावधानी से देखना चाहिए। इसके अलावा शिकायत में दावा किया गया है कि बच्ची के गुप्तांग में चोट के निशान थे। फिर भी बच्ची की मां उसे तुरंत डॉक्टर के यहां नहीं ले गई। बच्ची की मां का यह आचरण असमान्य लगता है। इसके अलावा इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह के परे जाकर साबित करने में नाकाम रहा है। लिहाजा आरोपी को मामले से बरी किया जाता है। 
 

Created On :   5 Sept 2021 1:33 PM IST

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