जलसंकट : बिगड़े शहर के हालात, डेड-स्टॉक से पानी लेने की नौबत

Water crisis : Nagpur district will extract water from dead stock
जलसंकट : बिगड़े शहर के हालात, डेड-स्टॉक से पानी लेने की नौबत
जलसंकट : बिगड़े शहर के हालात, डेड-स्टॉक से पानी लेने की नौबत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में अत्यल्प बारिश का असर साफ नजर आ रहा है। जलाशयों में पानी काफी कम है। कई जलाशय सूखने की कगार पर हैं। तोतलाडोह जलाशय में सिर्फ 10 जून तक पानी शेष है। यानी 0.52 प्रतिशत पानी का भंडारण है। इस बीच यदि समय पर बारिश नहीं होती है तो शहर में पीने के पानी का संकट गहरा सकता है। ऐसे में नागपुर महानगरपालिका ने राज्य सरकार से डेड-स्टॉक (मृत भंडारण) पानी लेने की अनुमति मांगी है। डेड-स्टॉक से पानी लेने की अनुमति तब मिलती है, जब कोई पर्याय नहीं होता है। ऐसे में इसकी गंभीरता समझी जा सकती है। 

13 साल बाद ऐसी नौबत
वर्ष 2006 के बाद यह पहला मौका है, जब शहर को डेड-स्टॉक से पानी लेने की नौबत आई है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार ने डेड-स्टॉक से पानी उठाने की मंजूरी प्रदान की है। विशेष यह कि इस संकट की घड़ी में सिंचाई विभाग पर भी पक्षपात का आरोप लग रहा है। नियमानुसार सिंचाई विभाग को पेंच प्रकल्प से लगभग 75 क्यूसेक पानी कन्हान जलशुद्धिकरण केंद्र के लिए छोड़ना है, किन्तु जलशुद्धिकरण केंद्र तक उतना पानी नहीं पहुंच रहा है। वैसे भी 5 प्रतिशत पानी कम मान कर चला जाता है, लेकिन 5 प्रतिशत से अधिक पानी केंद्र को कम मिल रहा है। संकट में इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए महापौर नंदा जिचकार ने त्वरित सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं।

डेड-स्टॉक में 150.00 एमएमक्यूब पानी 
शहर में पानी की समस्या लगातार गंभीर बनी हुई है। पिछले साल अपर्याप्त बारिश होने से जलाशय तेजी से सूख रहे हैं। शहर को जलापूर्ति करने वाले तोतलाडोह जलाशय में 5.31 एमएमक्यूब पानी यानी सिर्फ 0.52 प्रतिशत पानी शेष है। यह पानी सिर्फ 10 जून तक शहर की प्यास बुझा सकता है। इसके बाद कोई उम्मीद बेकार है। तत्पश्चात डेड-स्टॉक से ही पानी लेने का पर्याय बचा है। डेड-स्टॉक में 150.00 एमएमक्यूब पानी है, लेकिन इसे सिर्फ आपातकालीन स्थिति के लिए आरक्षित रखा जाता है। सरकार की मंजूरी बिना इसे छू नहीं सकते। इसे लेकर महापौर नंदा जिचकार ने पहले सभी मनपा पदाधिकारी और अधिकारियों से बैठक की।

मुख्यमंत्री ने दी है मंजूरी
विचार-विमर्श करने के बाद मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। मुलाकात में तोतलाडोह के डेड-स्टॉक से पानी लेने की अनुमति मांगी गई है। हालांकि मुलाकात के पहले ही प्रशासन ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजा था। मंगलवार को मुलाकात में यह विषय फिर मुख्यमंत्री के सामने रखा गया। स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस निवेदन को मंजूरी देते हुए इस संबंध में अधिकारियों को आदेश जारी किए। 

चौरई बांध से भी पानी छोड़ें 
महापौर नंदा जिचकार ने मुख्यमंत्री से मध्यप्रदेश के चौरई बांध से भी नागपुर शहर के लिए कुछ मात्रा में पानी छोड़ने की मांग की है। मुख्यमंत्री से निवेदन कर मध्य प्रदेश सरकार से संपर्क कर चौरई बांध का पानी छोड़ने को कहा गया है। गौरतलब है कि कन्हान नदी पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चौरई बांध बनाने से पेंच प्रकल्प में आने वाले पानी रुक गया है। इस वजह से पेंच और तोतलाडोह बांध में पर्याप्त जलभंडारण नहीं हो पाया है। 

पाइपलाइन से लाया जाएगा पानी 
इससे पहले सोमवार को मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर और पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में शहर को कम पानी मिलने का मुद्दा उठा। महापौर जिचकार  ने कहा कि अगर पानी पाइपलाइन के जरिए लाया जाता है तो संपूर्ण पानी शहर को मिल सकता है। इसके लिए 50 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है। जलप्रदाय विभाग को इस तरह का प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। आयुक्त अभिजीत बांगर ने कहा कि  बार-बार बिजली गुल होने के कारण जलापूर्ति में बड़ी बाधा भी निर्माण हो रही है। इसके लिए अब 11 केवीए क्षमता का नया एक्सप्रेस फीडर का प्रस्ताव तैयार करने की भी जानकारी दी। 

Created On :   15 May 2019 6:07 AM GMT

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