नासुप्र ने वेव-टेक इंडिया कंपनी को किया ब्लैक लिस्टेड

Wave-Tech India Company blacklisted by Nagpur NIT
नासुप्र ने वेव-टेक इंडिया कंपनी को किया ब्लैक लिस्टेड
नागपुर नासुप्र ने वेव-टेक इंडिया कंपनी को किया ब्लैक लिस्टेड

डिजिटल डेस्क, नागपुर. नागपुर सुधार प्रन्यास ने जनहित में बड़ी पहल करते हुए गुंठेवारी अंतर्गत अनधिकृत ले-आउट का नियमितिकरण करने के लिए मुहिम शुरू की है। इसके लिए 83 हजार 708 लोगों ने अॉनलाइन आवेदन किए थे, जिसमें से अब तक 5393 लोगों को नियमितिकरण पत्र यानी आरएल जारी किया जा चुका है। नियमितिकरण करने से पहले ले-आउट का सर्वे यानी नापजोख की जाती है। इसका ठेका वेव-टेक इंडिया कंपनी को दिया गया है। करीब 31,966 हजार आवेदन कंपनी को भेजे गए हैं। अक्टूबर से यह आवेदन कंपनी के पास लंबित है, जिसमें कंपनी लापरवाही या ढिलाई बरत रही है। इसकी वजह से नियमितिकरण का काम अटक गया है। इसे देखते हुए नासुप्र सभापति मनोज कुमार सूर्यवंशी ने कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश देते हुए नई कंपनी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। 

पिछले साल नासुप्र ने अनधिकृत ले-आउट के नियमितिकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाने शुरू किए थे। नासुप्र सभापति मनोज कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि इस अनुसार अब तक 83,708 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। इसमें 57 हजार 407 लोगों ने कागजात जमा किए हैं। 26,300 ने कागजात जमा करने की प्रक्रिया पूरी नहीं करने से इनके प्रकरण को रिजेक्ट किया गया है। 5393 प्रकरणों में कार्यवाही कर उनकी नापजोख पूरी हुई है, जिसके बाद उन्हें आरएल लेटर जारी कर नियमितिकरण किया गया है। 31,966 प्रकरण नियमितिकरण की प्रक्रिया में है। इसमें से 1880 प्रकरणों में लोगों को डिमांड भेजी गई है। डिमांड भरते ही इन्हें भी आरएल लेटर जारी किया जाएगा। अन्य प्रकरणों में कंपनी द्वारा नापजोख में देरी किए जाने से उसे ब्लैक लिस्टेड किया गया है। 

नारा पार्क की आरक्षित जगह खरीदने नासुप्र के पास धनराशि नहीं : नारा पार्क की आरक्षित 130 एकड़ में से 36 एक़ड़ जमीन की खरीदी-बिक्री पर भी नासुप्र सभापति सूर्यवंशी ने बात की। उन्होंने बताया कि डीपी प्लान में यह जमीन डॉ. बाबासाहब आंबेडकर नेशनल पार्क के लिए आरक्षित है। लेकिन नासुप्र इसमें नियोजन प्राधिकरण नहीं है और न ये जमीन नासुप्र के अधिकार क्षेत्र में है। नासुप्र के पास इतना पैसा नहीं है कि वह आरक्षित जमीन खरीद सके। अगर खरीदती है तो उसे आज के बाजार भाव अनुसार ढाई गुना पैसा देना होगा। इस मामले में न्यायालय ने 30-35 एकड़ जगह को आरक्षण से मुक्त किया है। अब 100 एकड़ ही प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित है। कोर्ट से मुक्त होने के बाद जमीन की खरीदी-बिक्री हुई। यह दो पार्टियों में परस्पर हुई है। सभापति ने कहा कि  इसमें नासुप्र की कोई भूमिका नहीं है। सूर्यवंशी ने कहा कि अगर कोई शेष 100 एकड़ जमीन को प्रोजेक्ट के लिए खरीदने का प्रस्ताव देता है तो नासुप्र उसमें खुद पहल कर प्रोजेक्ट तैयार करवायेगी। 


 

Created On :   27 Jan 2023 11:43 AM GMT

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