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एनआईए कोर्ट में वझे का दावा - मुझे बनाया जा रहा है बलि का बकरा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। उद्योगपति मुकेश अम्बानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने के मामले से जुड़े मनसुख हिरण की हत्या मामले में आरोपी निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में ही रहना होगा। गुरुवार को मुंबई की विशेष अदालत ने वाझे को 3 अप्रैल 2021 तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। वाझे ने अदालत में दावा किया कि इस मामले में मुझे बली का बकरा बनाया जा रहा है।
25 मार्च को वाझे की हिरासत अवधि समाप्त हो रही थी। इसलिए उसे कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान एनआईए ने न्यायाधीश से वाझे की 14 दिन के हिरासत की मांग की लेकिन न्यायाधीश ने वाझे को 3 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा। एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि आरोपी पर काफी गंभीर आरोप हैं। विस्फोटक लदी कार से दो धमकी भरे पत्र मिले हैं। जिनका स्वरुप काफी गंभीर है। इसलिए आरोपी को एनआईए की हिरासत में भेजा जाए। वही वाझे की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि अकेले जिलेटिन छड़ से विस्फोट नहीं हो सकता है। इसलिए सिर्फ विस्फोटक मिलने के आधार पर मेरे मुवक्किल के खिलाफ अवैध गतिविधि प्रतिबन्धक कानून के तहत आरोप नहीं लगाए जा सकते।
मैंने नहीं स्वीकारा कोई अपराध
वाझे ने न्यायाधीश के सामने कहा कि उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उनका एंटीलिया मामले में हुए अपराध से कोई संबंध नहीं है। मैंंने सिर्फ डेेढ़ दिन ही मामलेे की जांच की है और वहीं किया है जो जांच के लिए जरुरी था। मेरे साथ मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के और अधिकारी भी जांच में लगे थे। मैं जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा हूं। इसलिए अब मुझे एनआईए की हिरासत में भेजने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने एनआईए के सामने किसी अपराध को स्वीकार नहीं किया है। मुझे और बाते कोर्ट को बतानी है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आप अपनी बातें लिखित रुप में दीजिए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने वाझे को एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
Created On :   25 March 2021 9:03 PM IST