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हम हरगिज नहीं भुला सकते हैं 26 हजार सेनानियों का योगदान
रॉयल इंडियन नेवी की 75वीं वर्षगाँठ पर मेजर जनरल बक्शी का उद्बोधन, बोले - इतिहास में दर्ज हों असली वीर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हम जबलपुर की भूमि में हैं यानी की जबालिऋषि की भूमि, जहाँ सत्य बोलने वालों की कमी नहीं है। आज हम एक ही मुद्दे पर बात करेंगे कि हमें आजादी कैसे मिली। देश को आजाद कराने में कई स्वतंत्रता सेनानियों का नाम गिना जाता है लेकिन देश की आजादी में असल नेतृत्व सुभाषचंद्र बोस का रहा, जिन्होंने अकेले दम पर 60 हजार की फौज खड़ी की, जिसमें 26 हजार सैनिक युद्ध में शहीद हो गए, उनका योगदान आज भुला दिया गया है। उक्त विचार शहीद स्मारक में आयोजित रॉयल इंडियन नेवी की 75वीं वर्षगांठ, श्रद्धांजलि एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. जीडी बक्शी ने व्यक्त किए। अतिथियों ने ऐतिहासिक नौसैनिक विद्रोह में जान गँवाने में सैनिकों के बलिदान को भी याद किया और कहा कि इतिहास के पन्नों में सभी नौ सैनिकों का नाम हो और इन्हें पूर्ण रूप से मान और सम्मान मिले। नौसैनिक विद्रोह से जुड़े वीरों एमएस खान, मदन सिंह, ऋषि दत्त राजू समेत अनगिनत वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी...
जब तक आधारशिला है अंग्रेज शासन की, तब तक मैंने भी अपने देश के नमक की सौगंध खाई है कि इसका मैं कर्ज चुकाकर देश को आजाद कराकर रहूँगा..., यही मौका है जब हम आजादी ले सकते हैं, मेरे दुश्मन का दुश्मन मेरा दोस्त है...। बोस की इन पंक्तियों से मेजर जनरल बक्शी ने जोश भरा। वहीं सन् 1857 के पहले विद्रोह की भी चर्चा करते हुए कहा चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलो के मुँह से हमने सुनी कहानी थी। मेजर जनरल बक्शी ने सन् 1946 के नौसैनिक विद्रोह का जिक्र करते हुए कहा कि इन नौसैनिकों को भी सैनिकों का दर्जा प्राप्त हो, जो अब तक इनको नहीं मिला है। विशिष्ट अतिथि प्रशांत सिंह प्रांत संघचालक, सेवानिवृत्त पीओ रजनीश सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व नौसैनिक निरंजन चक्रवर्ती ने देश की आजादी और बोस के योगदान पर प्रकाश डाला। पूर्व सैनिक संघ से अध्यक्ष रजनीश िसंह, महामंत्री शशिशंकर, वीर सिंह, जेपी लोधी, सनत पाल, विश्वरूप दास, विजय कुमार, प्रहलाद कनौजिया, दिनेश्वर सिंह, शीतल प्रसाद, रामस्नेही व बालकिशन की उपस्थिति रही। संचालन ब्रिगेडियर विपिन त्रिवेदी ने किया।
Created On :   8 March 2021 3:08 PM IST