- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- यह कैसा मेंटेनेंस...पेड़ों की...
यह कैसा मेंटेनेंस...पेड़ों की टहनियाँ छाँटकर कर रहे खानापूर्ति, जरा सी हवा में उड़ रहा बिजली सिस्टम
साल में दो बार बिजली कंपनी करा रही मेंटेनेंस, करोड़ों रुपए फूँकने के बाद भी बार-बार गुल होती है बिजली
डिजिटल डेस्क जबलपुर । चाहे प्री-मानसून हो या फिर पोस्ट मानसून, हर बार बिजली कंपनी द्वारा साल में दो बार मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली गुल रखी जाती है। इसके बाद जरा सी हवा चलने से लाइन फॉल्ट आना, उपकरण खराब होना, ट्रांसफार्मर में खराबी आना आम बात हो गई है। अब तो परेशान जनता यह कहने लगी है कि यह कैसा मेंटेनेंस है....बिजली अधिकारियों द्वारा प्री-मानूसन मेंटेनेंस के नाम पर सुबह से ही विद्युत कटौती शुरू कर दी जाती है। इसके बाद भी बार-बार लाइन गुल होना आम बात हो गई है। अधिकारी भी मेंटेनेंस के नाम पर केवल विद्युत लाइन को छूने वाली टहनियों की छँटाई करते हैं। अगर सही ढंग से लाइनों का सुधार हो और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जाए तो सप्लाई प्रभावित न हो, मगर ऐसा करने की बजाय मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए फूँके जाते हैं। चाहे शहर हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र की जनता हर कोई बिजली की समस्या से बेहाल है। बिजली कंपनी साल में दो बार मेंटेनेंस कराती है इसके बाद भी आँधी और पानी से दो-दो दिन तक बिजली व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ जाना यह बताता है कि मेंटेनेंस के नाम पर अधिकारी केवल खानापूर्ति करते हैं। प्री-मानसून मेंटेेनेंस में राशि फूँकने के बाद भी मानसून आए बिना ही लाइने टूटकर बिखर जाती है, ट्रांसफार्मरों से धुआँ निकलने लगे और यहाँ तक कि विद्युत पोल तक तिरछे हो रहे हैं।
सामने आ रहीं ये खामियाँ
* कमजोर विद्युत लाइनों को बदला नहीं गया।
* ट्रांसफार्मर फ्यूज में एल्युमिनियम की जगह कॉपर तार का इस्तेमाल।
* लोड बढऩे से जल्दी गर्म होकर जल रहे कॉपर वायर।
* ज्यादा लोड वाले क्षेत्रों में नहीं बढ़ाई गई ट्रांसफार्मरों की संख्या।
* विद्युत लाइनों के समीप से नहीं हटाए गए पेड़, जो गिर रहे लाइनों पर।
Created On :   25 May 2021 4:23 PM IST