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न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है सरकार?

मंदसौर में एक जज के साथ हुई अभद्रता का मामला, हाईकोर्ट ने स्वमेव जनहित याचिका पर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मंदसौर के एक जज के साथ हुई अभद्रता के मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वो जजों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है? बुधवार को मामले पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने यह निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी।
गौरतलब है कि 23 जुलाई 2016 को न्यायिक अधिकारी राजवर्धन गुप्ता के साथ मंदसौर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभ्रदता करके उनकी पिटाई कर दी गई थी। इस पर हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी ने पहले प्रारंभिक जांच कराई। प्रारंभिक जांच, समाचार पत्र की संबंधित खबरों, वीडियो क्लिपिंग्स और अन्य साक्ष्यों से श्री गुप्ता पर हुए हमलों की पुष्टि होने पर रजिस्ट्रार जनरल ने पूरा मामला तत्कालीन एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन के समक्ष पेश किया था। पूर्व में दिए गए आदेशों के बाद भी इस तरह की घटना होने पर चिंता जताते हुए श्री मेनन ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। मामले पर बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान न्यायिक अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता ब्रजेश नाथ मिश्रा, हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता केसी घिल्डियला और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
Created On :   13 Feb 2020 1:32 PM IST