जब सब कुल पहले जैसे हो गया है, तो क्यों नहीं हो सकती मनपा की प्रत्यक्ष बैठक

When everything has become like before, then why cant there be a direct meeting of Municipality - HC
जब सब कुल पहले जैसे हो गया है, तो क्यों नहीं हो सकती मनपा की प्रत्यक्ष बैठक
हाईकोर्ट ने पूछा जब सब कुल पहले जैसे हो गया है, तो क्यों नहीं हो सकती मनपा की प्रत्यक्ष बैठक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि स्कूल व कालेजों में विद्यार्थी प्रत्यक्ष रुप से पहुंच रहे हैं। राज्य की सभी अदालते कोरोना के आने से पहले की तरह चल रही है। रेस्टोरेंट, मॉल बजार खुल चुके है। सड़कों पर वाहनों का ट्रैफिक भी ज्यादा दिख रहा है। सारे कार्यालय खुल गए है। मुंबई में तीसरी लहर की आशंका भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में हम चाहते हैं कि राज्य सरकार का संबंधित विभाग पांच दिनों के भीतर इस बारे में निर्णय ले कि महानगरपालिका की स्थाई समिति की बैठक प्रत्यक्ष रुप से क्यों न हो। इस विषय पर शीघ्रता से निर्णय लिया जाए। 

इस दौरान कोर्ट ने मुंबई की परिस्थितियों के मद्देनजर कहा कि इस बात में तर्क नजर आता है कि सिर्फ कुछ लोगों को ही मनपा की बैठक में क्यों प्रत्यक्ष रुप से शामिल होने की इजाजत दी जाए। जबकि मुंबई में तीसरी लहर की आशंका न होने की भी बात कही गई है। इस तरह से कोर्ट ने मुंबई मनपा द्वारा स्थाई समिति की बैठक ऑनलाइन आयोजित करने के निर्णय पर सवाल उठाए।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ  ने मुंबई मनपा में भारतीय जनता पार्टी के नगरसेवक विनोद मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। अधिवक्ता अमोघ सिंह के माध्यम से दायर याचिका में मुख्य रुप से मुंबई मनपा के सचिव की ओर से एक अक्टूबर 2021 को जारी नोटिस जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। जिसके तहत 5 अक्टूबर को होनेवाली स्थाई समिति की बैठक में सिर्फ स्थाई समिति के चेयरमैन व कुछ सद्स्यों को बैठक में प्रत्यक्ष रुप से शामिल होने की छूट दी गई थी। जबकि बाकी कमेटी के सदस्यों को ऑनलाइन बैठक में शामिल होने को कहा गया था। 

Created On :   5 Oct 2021 8:24 PM IST

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