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जब आंतरिक मूल्यांकन हुआ ही नहीं तो कैसे बनाएँ दसवीं का परिणाम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणाम बनाने में निजी स्कूलों के प्राचार्यों का पसीना छूट रहा है। माशिमं ने दसवीं का परिणाम, छमाही, रिवीजन टेस्ट, प्री-बोर्ड और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर घोषित करने का निर्णय लिया है। इधर सरकारी स्कूलों में आंतरिक मूल्यांकन हुआ ही नहीं है, अब शिक्षकों को अपने मन से अंक देने होंगे। ये भी निर्देश हैं कि किसी स्कूल का परिणाम पिछले तीन साल के औसत परिणाम दो फीसदी से अधिक नहीं होने चाहिए। अब स्कूलों के प्राचार्य परेशान हैं क्योंकि माशिमं के मापदंडों के मुताबिक मुख्य परीक्षा के परिणाम तैयार करना चुनौती बन गया है, क्योंकि इस तरह के मूल्यांकन से कोई भी विद्यार्थी फेल नहीं होगा और होनहार विद्यार्थियों का नुकसान होगा।
जरूरतमंदों को भी सता रही पुलिस, मारपीट वैक्सीन लगवाने जा रहे युवकों को पीटा, अभद्रता की भी कई शिकायतें प्रतिनिधि, जबलपुर7 कोरोना पर नियंत्रण के लिए घोषित लॉकडाउन में पुलिस अहम भूमिका निभा रही है। बेवजह आवाजाही कर रहे लोगों को रोका-टोका जा रहा है, लेकिन इस बीच ऐसे भी दृश्य सामने आ रहे हैं, जो पुलिस की ज्यादती की ओर इशारा कर रहे हैं। शहर के तीन थाना क्षेत्रों में बुधवार को ऐसी ही घटनाएँ सामने आईं। इसमें कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा जरूरी काम से निकले लोगों के साथ मारपीट की गई। ये आरोप भी सामने आए कि कुछ पुलिस कर्मी जरूरी काम से निकलने वाले लोगों को भी सता रहे हैं। जुर्माना लगाने के साथ उनके साथ मारपीट भी की जा रही है।
Created On :   20 May 2021 3:23 PM IST