बजट ज्यादा नजर आया तो हवा में उड़ गया बटरफ्लाई गार्डन, डुमना नेचर पार्क के लिए बनी योजनाओं पर अमल नहीं हुआ

When the budget appeared more, the plans for Butterfly Gardens, Dumna Nature Park did not materialize.
बजट ज्यादा नजर आया तो हवा में उड़ गया बटरफ्लाई गार्डन, डुमना नेचर पार्क के लिए बनी योजनाओं पर अमल नहीं हुआ
बजट ज्यादा नजर आया तो हवा में उड़ गया बटरफ्लाई गार्डन, डुमना नेचर पार्क के लिए बनी योजनाओं पर अमल नहीं हुआ

तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे  लगे, लेकिन 8 करोड़ के खर्च पर निगम पीछे हटा, टाइगर सफारी भी अधर में
डिजिटल डेस्क जबलपुर । डुमना नेचर पार्क के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। इस पार्क के प्रति लोगों को आकर्षित करने की योजनाएँ तो लगातार बनती हैं लेकिन उन पर अमल नहीं हो पाता है। दो सालों से यहाँ बटरफ्लाई गार्डन बनाने की योजना पर काम किया गया लेकिन जब इस पर खर्च होने वाली राशि का इस्टीमेट बनाया गया और पता चला कि इस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे तो निगम ने हाथ खींच लिए।
इससे पहले पार्क में तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे जरूर लगवा दिए गए। ऐसे में तितलियाँ तो आने लगी हैं लेकिन उनके लिए अन्य कोई सुविधाएँ नहीं हैं। यहीं पर टाइगर सफारी बनाने की योजना भी थी लेकिन उसका काम भी अधर में लटका हुआ है। साइकिल ट्रैक बनाया गया जो अभी भी संचालित हो रहा है लेकिन उसकी देख-रेख नहीं हो पा रही है। शहर के बिल्कुल पास में ही डुमना एयरपोर्ट के रास्ते में ही डुमना नेचर पार्क स्थापित है। यह चारों ओर घने जंगल और जलाशय से घिरा हुआ प्राकृतिक स्थल है। अंग्रेजों के समय में यहाँ जलाशय बनाया गया जिससे शहर को जलापूर्ति की जाती थी। उसी समय यहाँ गेस्ट हाउस भी बनाया गया जो कि अंग्रेजों का पसंदीदा रहा। इस प्रकार यह स्थान पर्यटकों के लिए खासी रुचि वाला है लेकिन नगर निगम ने इसके विकास के लिए कभी भी ईमानदारी से कार्य नहीं किया, जिसका यह नतीजा है कि दिनों दिन यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आ रही है। बटरफ्लाई गार्डन बनाने के लिए नगर निगम ने पूरी योजना तैयार कर ली थी और प्राथमिक कार्य भी हुए लेकिन उसके बाद अचानक ही बजट का रोना रोकर इस योजना को बंद करना शहर के लिए निराशाजनक रहा। यह गार्डन बनता तो एक नया आकर्षण जनता को पार्क की तरफ खींचता।
डोम बनाए जाने थे, एक्सपर्ट भी रखने थे 8 बटरफ्लाई गार्डन के लिए यहाँ दो डोम बनाए जाने थे और कुछ बटरफ्लाई एक्सपर्ट भी रखने थे। इस योजना के लिए निगम को करीब 8 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ जाते और यही निगम को नागवार गुजरा, जिससे योजना ही ठप हो गई। तितलियों को आकर्षित करने के लिए पौधे जरूर लगा दिए गए, जिन पर आकर तितलियाँ बैठने भी लगी हैं।
250 प्रकार की चिडिय़ाँ हैं पार्क में 8 जानकारों का कहना है कि नेचर पार्क में करीब 250 प्रकार की चिडिय़ाँ हैं जो कि उन्मुक्त वातावरण में रहती हैं। यहाँ उनके रहवास के सभी साधन हैं। इसके लिए वॉट टॉवर भी बनाए गए हैं लेकिन अब उनकी भी देखभाल नहीं होती है। यहाँ पर रेस्क्यू सेंटर भी बनाया गया था जो कि अब दम तोड़ रहा है।
टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट खटाई में
सबसे पहले डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि यदि यहाँ टाइगर सफारी बनाई जाती है तो इससे हजारों की संख्या में पयर्टक आएँगे और यह शानदार उपलब्धि होगी लेकिन अचानक ही यह प्रोजेक्ट विवादों में फँस गया और प्रदेश सरकार के पास अटका पड़ा है। इसके लिए नगर निगम ने डीपीआर तक बनवा ली थी।

 

Created On :   16 Dec 2020 2:33 PM IST

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