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जब सड़क पूरी बनी नहीं तो क्यों हो रही टोल नाके की वसूली?
जबलपुर- मंडला हाइवे के मामले पर हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने अनावेदकों को दी मोहलत
जबलपुर । जबलपुर-मंडला हाइवे का निर्माण कार्य अधूरा होने के बाद भी उस मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों से टोल वसूली को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद केन्द्र व राज्य सरकार के अलावा एनएचएआई को जवाब पेश करने समय प्रदान किया। अगली सुनवाई दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में होगी। देवदरा (मण्डला) के शक्ति नगर में रहने वाले एडवोकेट रिषभ रजक की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि जबलपुर-मंडला एनएच-30 का निर्माण वर्ष 2015 से चल रहा है, लेकिन अब तक उक्त मार्ग बनकर तैयार नहीं हुआ है। आरोप है कि उक्त मार्ग का अधिकांश हिस्सा बदहाल स्थिति में है। तीन घंटे का सफर 8 घंटो में पूरा हो रहा है। और तो और इस मार्ग पर राहगीर रोजाना ही दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं और सब कुछ पता होने के बाद भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। आवेदक का दावा है कि टोल नाका बरेला के उस पार हाइवे में बनाया जाना था, लेकिन उसे सालीवाड़ा में स्थापित कर दिया गया। इससे बरेला सहित आसपास में रहने वाले वाशिन्दों को भी वसूली के लिए मजबूर कर दिया गया, जो अवैधानिक है। आवेदक का दावा है कि आधे अधूरे निर्माण के बाद टोल प्लाजा से की जा रही वसूली ने नाराज स्थानीय लोगों ने जब विरोध जताया तो सड़क बना रही दिलीप बिल्डकान कंपनी ने समय पर निर्माण कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी सड़क का निर्माण पूरा न करके टोल वसूली किए जाने को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने याचिका में बनाए गए अनावेदकों को 11 सितंबर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।
मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अनावेदकों की ओर से जवाब पेश करने समय मांगा गया, जो युगलपीठ ने प्रदान किया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा।
Created On :   14 Nov 2019 1:49 PM IST