आदित्य ठाकरे ने बताया - जब उद्धव ने शिंदे से सीधे पूछा था कि क्या आप मुख्यमंत्री बनेंगे, तो वे नाटक करने लगे थे

When Uddhav directly asked Shinde whether you would become the Chief Minister, he started pretending
आदित्य ठाकरे ने बताया - जब उद्धव ने शिंदे से सीधे पूछा था कि क्या आप मुख्यमंत्री बनेंगे, तो वे नाटक करने लगे थे
बड़ा दावा आदित्य ठाकरे ने बताया - जब उद्धव ने शिंदे से सीधे पूछा था कि क्या आप मुख्यमंत्री बनेंगे, तो वे नाटक करने लगे थे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने शिवसेना के बागी विधायक तथा राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ जोरदार हमला बोला है। आदित्य ने कहा कि शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 20 मई को शिंदे से सीधे से पूछा था कि आपको मुख्यमंत्री बनना है क्या? तब उस समय शिंदे नाटक करने लगे थे। आदित्य ने कहा कि यदि शिंदे में थोड़ी शर्म, लज्जा और स्वाभिमान होता और उनमें शिवसेना का सच्चा खून होता और बालासाहब ठाकरे और आनंद दिघे के सिद्धांत होते तो बगावत करने के बजाय वे उद्धव के सामने आकर कहते कि मुझे मुख्यमंत्री बनाइए। मेरे आपसे यह आशा और अपेक्षा है। रविवार को आदित्य ने सांताक्रुज के कलिना में शिवसेना के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। आदित्य ने कहा कि ठाकरे ने 20 मई को शिंदे को अपने सरकारी आवास वर्षा बंगले पर बुलाया था। ठाकरे ने शिंदे से सीधे पूछा था कि आपको मुख्यमंत्री बनना है क्या? मैं आपको आपको सत्ता की चाबी सौंपने को तैयार हूं। आप मुख्यमंत्री बन जाइए। जिस पर शिंदे ने मुख्यमंत्री के सामने नाटक किया था। वे  मुख्यमंत्री के सामने सहयोगी दलों द्वारा परेशान किए जाने का रोना रोने लगे। आखिर में 20 जून को शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर दी। आदित्य ने कहा कि शिवसेना में शिंदे का कद नंबर दो का था। आमतौर पर मुख्यमंत्री के पास पास रहने वाला नगर विकास शिवसेना ने शिंदे को दिया था। वे महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) मंत्री पिछले सात साल से थे। शिवसेना में उनका एक वजन था। लेकिन उन्होंने अब अपनी क्या स्थिति बना ली है यह सोशल मीडिया में वायरल हुए उनके वीडियो से पता चल गया है। आदित्य ने कहा कि बागी विधायकों में से जो अपने हैं और दिल से शिवसेना से जुड़े हैं उनके लिए पार्टी के दरवाजे अब भी खुले हैं। लेकिन जो बागी विधायक खुद को बेचकर गुवाहाटी में गए हैं और दूसरे विधायकों को खरीदने की कोशिश की है। ऐसे बागी विधायकों के लिए शिवसेना और महाराष्ट्र के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। आदित्य ने दावा किया कि बागी विधायकों में से 15 से 16 विधायक हमारे संपर्क में हैं।

आदित्य ने कहा कि बागी विधायकों को शिवसेना और बालासाहब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने की औकात नहीं है। यदि उनमें हैसियत होती तो वे भागकर सूरत और गुवाहाटी न जाते। आदित्य ने कहा कि जो लोग कभी रिक्शा चलाते थे और पान की दुकान पर बैठते थे। ऐसे लोगों को शिवसेना ने विधायक और मंत्री पद दिया। ऐसे लोग यदि आईने में अपना चेहरा देखेंगे तो उन्हें शर्म आएगी कि उन्होंने शिवसेना के साथ क्या किया है। आदित्य ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ने शिवसेना के विधायकों को भगाकर गुवाहाटी लेकर गई है और उन पर पैसा उड़ा रही है। बिकाऊ विधायकों ने शिवसेना छोड़ दी है। आदित्य ने कहा कि बागी विधायकों को कभी न कभी तो विधानसभा में आना पड़ेगा। मैं बागी विधायकों से आंख में आंख डालकर पूछूंगा कि शिवसेना ने आपके के लिए क्या कमी की थी? आदित्य ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार संजय पवार को पार्टी के बागी विधायकों ने हराया था। 

बागी विधायकों को नहीं चढ़ने दूंगा सदन की सीढियां

आदित्य ने कहा कि मेरी बागी विधायकों को चुनौती है यदि उनमें हिम्मत है तो वह इस्तीफा देकर उपचुनाव का सामना करें। मैं सभी बागी विधायकों को हराकर ही दम लूंगा। मैंने शपथ ली है कि बागी विधायकों को दोबारा विधानभवन की सीढियां नहीं चढ़ने दूंगा। आदित्य ने कहा कि शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को कोई छीन नहीं सकता है। 

औरंगाबाद के बागी विधायकों को सबसे ज्यादा निधि दी गई

आदित्य ने कहा कि मैंने पर्यटन विभाग की सबसे ज्यादा विकास निधि शिवसेना के औरंगाबाद के विधायकों को दिया है। औरंगाबाद के बागी विधायक और मंत्री संदीपान भुमरे, विधायक संजय शिरसाट, विधायक प्रदीप जायसवाल को अधिक निधि देने की कोशिश की थी। लेकिन मुझे आश्चर्य है कि इन लोगों ने बगावत की है। आदित्य ने कहा कि शिंदे के बगावत के बाद बीते दिनों विधायक दिलीप लांडे मेरा हाथ पकड़ कर वर्षा में रो रहे थे लेकिन दूसरे दिन वे भी गुवाहाटी चले गए हैं।

 

Created On :   26 Jun 2022 7:20 PM IST

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