जहाँ फ्लाईओवर के पिलर्स का निर्माण उन सड़कों से निकलना हुआ मुश्किल

Where the flyover pillars were built, it was difficult to get out of those roads
जहाँ फ्लाईओवर के पिलर्स का निर्माण उन सड़कों से निकलना हुआ मुश्किल
जहाँ फ्लाईओवर के पिलर्स का निर्माण उन सड़कों से निकलना हुआ मुश्किल

सड़क को मोटरेबल रखने की शर्त ही भूल गए, इसी अंदाज में काम चलेगा तो खून के आँसू रोएगी जनता, आगे कठिन है डगर, निर्माण हिस्से की जानकारी भी नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर के पिलरों का निर्माण जिन भी सड़कों के हिस्से में हो रहा है इन दिनों वहाँ से निकलना एकदम परेशानियों से भरा हो गया है। पिलर जहाँ बना दिये गये और जहाँ बनाने गड्ढे किये जा रहे हैं वहाँ पर दोनों हिस्सों में लोक निर्माण विभाग ने सड़कों को चलने लायक भी नहीं छोड़ा है। किसी भी बड़ी संरचना में शहरवासियों को समस्या का सामना कर पड़ सकता है यह लाजिमी है, पर निर्धारित शर्त का पालन ही निर्माण प्रक्रिया में न रखा जाए इसको जायज नहीं ठहराया जा सकता है। अभी जहाँ पिलर बन रहे या बन चुके हैं वहाँ दोनों हिस्सों की सड़क बर्बाद हो गई है। महानद्दा  से मदन महल चौराहा या फिर मदन महल से मेडिकल की ओर। इसी तरह मदन महल थाने के सामने से गेट नंबर चार उससे आगे गेट नंबर दो रानीताल तक दोनों हिस्से में सड़क चलने लायक नहीं बची है। किसी तरह बच-बचकर रेंगने के अंदाज में लोग निकल रहे हैं। 
निर्माण में शर्त यह भी है 
749 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में शर्त यह भी है कि जहाँ पर पिलरों और सेतु के हिस्सों का  निर्माण होगा वहाँ पर मार्ग को मोटरेबल यानी चलने लायक बनाये रखा जाएगा। यह किसी भी सड़क, ब्रिज की परियोजना में पहली शर्त होती है, पर यहाँ तो िनर्माण हो रहा है लेकिन सड़क चलने लायक ही नहीं बची है। महानद्दा  में दोनों सड़क उधड़ गई। धूल, मिट्टी, गिट्टी और रात के वक्त तो अँधेरा भी यहाँ पर बड़ी परेशानी पैदा कर रहा है। न किसी तरह से संकेतक हैं, न ही सुरक्षा के बेहतर उपाय नजर आते हैं। 
इनका कहना है
जहाँ भी अभी सड़क किनारे के हिस्से में खराब हो गई है जो शर्त है उसके अनुसार हम कार्य करेंगे। लोगों को इस निर्माणके दौरान किसी तरह की परेशानी न हो हम इसकी कोशिश कर रहे हैं। समय सीमा में इसका सुधार कर देंगे। 
गोपाल गुप्ता, ईई लोक निर्माण 

Created On :   5 April 2021 2:51 PM IST

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