ओबीसी के युवक को क्यों नहीं दे रहे शिक्षक पद पर नियुक्ति

Why are the OBC youth not being appointed as teachers
ओबीसी के युवक को क्यों नहीं दे रहे शिक्षक पद पर नियुक्ति
ओबीसी के युवक को क्यों नहीं दे रहे शिक्षक पद पर नियुक्ति

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट के सीजे मोहम्मद रफीक और जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने राज्य शासन और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) से पूछा है कि ओबीसी वर्ग के युवक को शिक्षक के पद पर नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है। अनावेदकों को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की है। 
यह है मामला -  यह याचिका जबलपुर के पाटन निवासी ओमप्रकाश पटेल ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा फरवरी 2020 में शिक्षक पद के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। शिक्षक के पद पर उसका चयन कर लिया गया है, लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि  पीईबी द्वारा कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर स्थगन आदेश दिया है, इसलिए नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। वास्तविकता यह है कि हाईकोर्ट ने 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर स्थगन आदेश दिया है। 
14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार -  हाईकोर्ट ने 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम रोक बरकरार रखी है। सीजे मोहम्मद रफीक और जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका की अंतिम सुनवाई 17 फरवरी को नियत की है। डिवीजन बैंच ने मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को निर्देश दिया है कि अंतिम सुनवाई के पहले सभी पक्षकार लिखित तर्क प्रस्तुत करें। यह याचिका जबलपुर निवासी असिता दुबे और अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2019 में प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। 
 

Created On :   10 Jan 2021 12:57 PM GMT

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