प्रश्न का एक से अधिक सही उत्तर होने पर याचिकाकर्ता को क्यों नहीं दिए गए अंक ?

Why not the marks given to the petitioner if there is more than one correct answer to the question?
प्रश्न का एक से अधिक सही उत्तर होने पर याचिकाकर्ता को क्यों नहीं दिए गए अंक ?
प्रश्न का एक से अधिक सही उत्तर होने पर याचिकाकर्ता को क्यों नहीं दिए गए अंक ?

हाईकोर्ट का एमपी पीएससी को नोटिस, तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
 मप्र हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रश्न का एक से अधिक सही उत्तर होने पर याचिकाकर्ता को अंक क्यों नहीं दिए गए। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने एमपी पीएससी को तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। मनगवाँ रीवा निवासी विक्रम सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह जनवरी 2020 में एमपी पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ था। हाल ही में परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। वह मुख्य परीक्षा में क्वालिफाई करने से सिर्फ 2 अंक से चूक गया। याचिका में कहा गया है कि एमपी पीएससी की नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी प्रश्न का एक से अधिक सही उत्तर होते हैं, तो सभी सही उत्तर पर अंक दिए जाएँगे। परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया कि मप्र से कौन सा नेशनल हाईवे नहीं निकलता है। प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में दो उत्तर यानी ए और डी सही थे। याचिकाकर्ता ने उत्तर के रूप में ए विकल्प को चुना, जबकि एमपी पीएससी ने डी विकल्प को चुनने वाले प्रतिभागियों को अंक दिए। जबकि ए उत्तर का विकल्प चुनने वालों को अंक नहीं दिए गए। इसके कारण याचिकाकर्ता 2 अंक से मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गया। अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने एनएचएई द्वारा जारी नेशनल हाईवे की सूची पेश करते हुए कहा कि संबंधित प्रश्न के ए और डी उत्तर सही हैं। इसलिए याचिकाकर्ता को भी उस प्रश्न के अंक दिए जाने चाहिए, ताकि वह एमपी पीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सके। प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने एमपी पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। 

Created On :   2 Jan 2021 9:30 AM GMT

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