पेट्रोल-डीजल सेस का अन्य व्यावसायिक मदों में क्यों हो रहा उपयोग - हाईकोर्ट

Why petrol and diesel cess are being used in other commercial items - High Court
पेट्रोल-डीजल सेस का अन्य व्यावसायिक मदों में क्यों हो रहा उपयोग - हाईकोर्ट
पेट्रोल-डीजल सेस का अन्य व्यावसायिक मदों में क्यों हो रहा उपयोग - हाईकोर्ट

केन्द्र सरकार को जवाब पेश करने मिली दो सप्ताह की मोहलत
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पेट्रोल-डीजल सेस का अन्य व्यावसायिक मदों में उपयोग क्यों हो रहा है। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने इस मामले में जवाब पेश करने के लिए केन्द्र सरकार को दो सप्ताह का समय दे दिया है। डिवीजन बैंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि इस मामले में केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया जाए। याचिका पर अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। 
यह है मामला 
 यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और डॉ. एमए खान ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा के लिए वर्ष 1988 में केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 8 प्रतिशत सेस लगाया था। वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार ने इस एक्ट में संशोधन कर यह प्रावधान कर दिया कि पेट्रोल-डीजल सेस का अन्य मदों में व्यावसायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। 
सेस का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता - अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि पेट्रोल-डीजल सेस की वसूली आम जनता से की जा रही है, इसलिए सेस का उपयोग केवल सार्वजनिक कामों में ही किया जा सकता है। सेस का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता है। केन्द्र सरकार के अधिवक्ता ने मामले में जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध किया, जिसे डिवीजन बैंच ने स्वीकार कर लिया। 

Created On :   8 April 2021 2:42 PM IST

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