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पुरातात्विक महत्व वाले विष्णु वराह मंदिर के बाहर अतिक्रमण क्यों ?

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मझौली में पुरातात्विक महत्व वाले विष्णु वराह मंदिर परिसर के बाहर मौजूद अतिक्रमणों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने वहां की नगर पालिका के सीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस हेमन्त गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने की मोहलत देते हुए मामले की अगली सुनवाई अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है।
मंदिर समिति के श्रवण कुमार सोनी की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि मझौली में प्रसिद्ध विष्णु वराह मंदिर है, जो लोगों की आस्था का केन्द्र है। इतना ही नहीं उक्त मंदिर में श्री विष्णु वराह भगवान की मूर्ति प्रदेश व देश में सुरक्षित सबसे बड़ी यज्ञ वराह की प्रतिमा है। वर्ष 1981 में पुरातत्व विभाग ने इस मूर्ति को राज्य संरक्षित पुरातत्व महत्व की मूर्ति घोषित किया था। याचिका में आरोप है कि मंदिर के मुख्य द्वार के दोनों ओर अवैध दुकानें बनाकर अतिक्रमण किया गया है, जिससे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आवेदक का कहना है कि सिहोरा न्यायालय ने वर्ष 2012 में मझौली के तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिये थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे मेें दिए गए आवेदन के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने विगत 19 जनवरी को अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। मामले पर मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा, राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव और हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता हेमन्त नामदेव हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।मंदिर समिति के श्रवण कुमार सोनी की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है।
Created On :   7 March 2018 1:38 PM IST