- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- विधायक-सांसदों की विशेष कोर्ट में...
विधायक-सांसदों की विशेष कोर्ट में क्यों नियुक्त नहीं हए मजिस्ट्रेट?-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से पूछा कि विधायक-सांसदों के लिए भोपाल में खोली गई विशेष अदालत में केवल सत्र न्यायाधीश ही क्यों कार्यरत हैं? याचिका में दावा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन के मुताबिक वहां पर मजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति होना चाहिए। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
पूर्व विधायक सुरेंद्र पटवा ने दायर की है याचिका
भोपाल निवासी पूर्व विधायक सुरेंद्र पटवा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार व मप्र हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का परिपालन करते हुए प्रदेश के विधायक-सांसदों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों के विचारण के लिए भोपाल में विशेष अदालत गठित की। विशेष अदालत ने सिर्फ एक सत्र न्यायाधीश को ही पदस्थ किया गया और उन्हें ही विधायक-सांसदों के खिलाफ दायर सभी अपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए अधिकृत कर दिया गया, जो सुको की मंशा के अनुरूप नहीं है। मामले पर बुधवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनुराग गोहिल हाजिर हुए। उन्होंने युगलपीठ को बताया कि तीन साल की सजा वाले मामलों तक की सुनवाई सत्र न्यायाधीश ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्र न्यायाधीश के फैसले को हाईकोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है, लेकिन 3 साल तक की सजा के खिलाफ सत्र न्यायाधीश को अपील सुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि ऐसे में तीन साल तक की सजा के खिलाफ अपील का अधिकार स्वमेव समाप्त हो गया, जो मुवक्किल के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
Created On :   26 Sept 2019 1:50 PM IST