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जेल में क्यों बंद कर दी गई कैदियों के लिए फोन कॉल की सुविधा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब जेल में कैदियों के लिए वॉइस व वीडियों कॉल की सुविधा शुरु थी तो क्या इस दौरान सुरक्षा के उल्लंघन से जुड़ी कोई घटना घटी थीॽ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में मुख्य रुप से कैदियों के लिए जेल में वॉइस व वीडियो कॉल की सुविधा जारी रखने की मांग की गई है। याचिका के मुताबिक जेल प्रशासन ने साल 2021 में यह सुविधा अचानक व मनमाने तरीके से बंद कर दी है। जबकि कोरोना काल में यह सुविधा जारी थी। पीपुल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी ने इस विषय पर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। बुधवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति वीजी बिष्ट के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से पूछा कि कोरोना कॉल में शुरु वॉइस व वीडियो काल की सुविधा को बंद क्यों किया गया है। क्या सुरक्षा के उल्लंघन से जुड़ी कोई घटना घटी है। खंडपीठ ने कहा कि मामले में सरकार को जवाब देने से पहले हम फिलहाल तत्काल कोई आदेश नहीं जारी करेंगे।
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता कुंभकोणी ने कहा कि उन्हें इस मामले में जेल महानिरीक्षक से निर्देश लेने के लिए समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि वाइस व विडियो काल की शुरुआत से जेल प्रशासन को सुरक्षा से जुड़े पहलू के उल्लंघन की आशंका है। क्योंकि यह जानना बेहद मुश्किल होता है कि आरोपी जेल से किससे बात कर रहे है। इसके अलावा जेल में कैदियों को अपने रिश्तेदारों से प्रत्यक्ष मुलाकात की सुविधा को दोबारा शुरु कर दिया गया है। हालांकि याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि प्रत्यक्ष मुलाकात की सुविधा के बावजूद वाइस व विडियो कॉल की सुविधा को स्थायी किया जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह तय करना सरकार का काम है। कोर्ट ने अब इस याचिका पर 20 जून को सुनवाई रखी है और सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
Created On :   4 May 2022 8:45 PM IST