- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- पत्नी कमाती है सिर्फ इसलिए गुजारा...
पत्नी कमाती है सिर्फ इसलिए गुजारा भत्ता पाने के हक से वंचित नहीं हो सकती
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि यदि पत्नी अपने जीवनयापन के लिए कमाती है सिर्फ इसलिए वह अपने पति के गुजाराभत्ता पाने के हक से वंचित नहीं हो सकती है। खास तौर से तब जब पति की कानूनी व नैतिक रुप से अपनी पत्नी की देखरेख करने की जिम्मेदारी है। न्यायमूर्ति एन जे जमादार ने पत्नी को गुजाराभत्ता देने के आदेश के खिलाफ पति की ओर से दायर किए गए आवेदन को खारिज करते हुए उपरोक्त बात कही है। मामले से जुड़े दंपति का विवाह साल 2005 में हुआ था। साल 2012 में दंपति को एक बेटा हुआ। लेकिन इसके बाद दंपति के बीच वैवाहिक विवाद बढ गया। और फिर मामला कोर्ट पहुंच गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले पति को अपनी पत्नी व बेटे को दो हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ पत्नी ने सत्र न्यायालय में अपील की थी। सत्र न्यायालय ने गुजारेभत्ते की रकम को बढाकर पांच हजार रुपए कर दिया था। जिसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति जमादार के सामने आवेदन पर सुनवाई हुई।
इस दौरान पति की वकील ने न्यायमूर्ति के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल की पत्नी सुनार का काम करती है। वह सौ से डेढ सौ रुपए रोजाना कमाती है। इस लिहाज से सत्र न्यायालय की ओर से गुजारा भत्ता बढाने को लेकर दिया गया आदेश खामीपूर्ण है। लिहाजा इसे रद्द कर दिया जाए। किंतु न्यायमूर्ति ने इन दलीलों पर असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा मंहगाई के दौर में पांच हजार रुपए जीवन की बुनियादी जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। चूंकि पत्नी कमाती है सिर्फ इसलिए वह अपने पति से गुजारा भत्ता(पैसे से जुड़ी राहत) पाने के हक से वंचित नहीं हो जाती है। क्योंकि पति की यह नैतिक व कानूनी जिम्मेदारी है कि वह अपनी पत्नी की देखरेख करे। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने की जरुत नहीं है। लिहाजा मामले को लेकर दायर पुनर्विचार आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   12 May 2022 8:14 PM IST